उच्च कोटि की चिकित्सा सुविधाएं देने की कोशिश कर रही है सरकार
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के तीन चिकित्सालयों को भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार हास्पिटल एण्ड हेल्थ केयर (एनएबीएच) का इंट्रीलेवल एक्रीडिटेशन प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है. जिन तीन हॉस्पिटल को यह प्रमाण पत्र मिला है उनमें जिला चिकित्सालय, बांदा, जिला चिकित्सालय जौनपुर तथा जिला महिला चिकित्सालय आजमगढ़ शामिल हैं.
यह जानकारी प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज यहां दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रयत्नशील है। सरकार के इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश के 3 चिकित्सालयों को भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा एनएबीएच का इंट्रीलेवल एक्रीडिटेशन प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है.
उन्होंने बताया कि यह प्रमाण-पत्र इस बात का प्रमाण है कि इन चिकित्सालयों द्वारा प्रदत्त स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणात्मक सुधार हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि शेष चिकित्सालयों को भी इसी प्रकार से प्रमाणीकृत कराये जाने की कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं, जिससे रोगियों को उच्च कोटि की चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।
उन्होंने बताया कि सरकार का यह भी प्रयास है कि रोगी निजी अस्पतालों से उपचार कराने के बजाय सरकारी चिकित्सालयों में उपचार प्राप्त करें. इससे मरीजों को अनावश्यक व्यय नहीं करना पड़ेगा और उनके धन की बचत भी होगी.
श्री सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार वर्षो से रूग्ण पड़ी स्वास्थ्य की आधारभूत संरचनाओं में गुणात्मक सुधार तथा बुनियादी सुविधाओं को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित है। सरकार का संकल्प है कि प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में उच्चकोटि की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं तथा सरकारी चिकित्सालयों के प्रति रोगियों के नकारात्मक दृष्टिकोण में समूल परिवर्तन लाया जाए। साथ ही प्रदेश के चिकित्सा तंत्र के प्रति एक विश्वास तथा अपनेपन की भावना उत्पन्न की जाए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम्स स्ट्रेन्थनिंग परियोजना प्रदेश के 51 जिलास्तरीय चिकित्सालयों को एनएबीएच के अन्तर्गत गुणवत्ता, सक्षम एवं उत्तरदायी बनाने हेतु क्रियाशील है। इसके लिए परियोजना द्वारा इन चिकित्सालयों की गैप एनालिसिस कर आवश्यक मानव-संसाधन, चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति एवं कैलीबरेशन, मरम्मत, चिकित्सालयों की सामान्य प्रक्रियाओं में सुधार तथा रोगियों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए वांछित लाइसेन्सों को प्राप्त करने हेतु सतत् प्रयास किया जा रहा है। इससे चिकित्सालयों के स्वरूप एवं प्रदत्त सेवाओं में आपेक्षित सुधार परिलक्षित हो रहा है।