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प्लास्टिक सर्जरी के इच्छुक देश-विदेश के लोगों का हॉट स्पॉट केंद्र बन कर उभर रहा है भारत

-विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर एसजीपीजीआई ने शीरोज हैंगआउट कैफे में आयोजित किया फ्री कैम्प व जागरूकता कार्यक्रम

-सुधीर हलवासिया ने किया डॉ राजीव अग्रवाल की लिखी एसिड अटैक पर सूचना पुस्तिका का विमोचन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। अपनी शारीरिक सुंदरता को बढ़ाने तथा इंपरफेक्ट को परफेक्ट करने की चाहत में पिछले कुछ सालों में प्लास्टिक सर्जरी के मामलों में दुनिया भर में बढ़ोतरी देखी गई है, भारत हो या अन्य देश जोखिमों के बावजूद प्लास्टिक सर्जरी में रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी तथा कॉस्मेटिक सर्जरी दोनों ही महिलाओं और पुरुषों में काफी प्रसिद्ध हो रही है लेकिन इतनी प्रसिद्धि के बावजूद प्लास्टिक सर्जरी के बारे में आम लोगों में ज्यादा जानकारी नहीं है बल्कि इसे लेकर लोगों में काफी भ्रम भी व्याप्त हैं।

यह बात विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस (15 जुलाई) के मौके पर संजय गांधी पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा लखनऊ के गोमतीनगर स्थित शीरोज़ हैंगआउट कैफ़े में आयोजित निःशुल्क प्लास्टिक सर्जरी परामर्श शिविर के अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ राजीव अग्रवाल ने कही। कार्यक्रम में शीरोज कैफे द्वारा विभाग के चिकित्सकों का स्वागत किया गया। इसके बाद “एसिड अटैक और प्लास्टिक सर्जरी द्वारा उसका उपचार” विषय पर व्याख्यान दिया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित हलवासिया समूह के अध्यक्ष सुधीर हलवासिया द्वारा डॉ. राजीव अग्रवाल द्वारा लिखित एसिड अटैक पर सूचना पुस्तिका का विमोचन किया गया। इस मौके पर विभाग के शिक्षकों द्वारा निःशुल्क प्लास्टिक सर्जरी परामर्श दिया गया।

डॉ राजीव अग्रवाल ने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी के बारे में सही तथा जरूरी जानकारी लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर साल 15 जुलाई को विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस मनाया जाता है भारत में इस दिवस की उपयोगिता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि इस आयोजन की शुरुआत ही भारत में राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस के रूप में हुई थी जिसे पिछले साल वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलने के बाद से एक वैश्विक आयोजन के रूप में मनाये जाने की परंपरा शुरू हुई। उन्होंने कहा कि यहां जानने वाली बात यह भी है कि प्लास्टिक सर्जरी करवाने के लिए इच्छुक देशी-विदेशी लोगों के लिए भारत एक हॉट स्पॉट के रूप में उभर रहा है।

डॉ राजीव ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी एक सर्जिकल विशेषता है लेकिन प्लास्टिक सर्जरी को चिकित्सा के क्षेत्र में कम महत्व वाला विषय समझा जाता रहा है। प्लास्टिक सर्जरी एक जटिल शल्य चिकित्सा होती है जिसमें अलग-अलग कारणों से कई बार कुछ नुकसान या पार्श्व प्रभाव भी देखने में आते हैं उन्हीं के बारे में लोगों के बीच ज्यादा जानकारी फैलाने, प्लास्टिक सर्जरी की विभिन्न शाखाओं तथा प्रकारों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से तथा उनमें इस विकित्सा विधा को लेकर व्याप्त भ्रमों को दूर करने के उद्देश्य से विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस मनाया जाता है।

डॉ राजीव ने बताया कि इसके अलावा समाज में प्लास्टिक सर्जनों की भूमिका और योगदान के बारे में लोगों के बीच समझ तथा जागरूकता फैलाना भी इस आयोजन के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि इस अवसर पर हर साल देश भर में प्लास्टिक सर्जन बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोगों की मुफ्त सर्जरी करते हैं साथ ही इस अवसर पर जांच शिविर, गोष्ठियों तथा अवेयरनेस मीटिंग का आयोजन भी किया जाता है। जागरूकता फैलाने के अलावा यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्लास्टिक सर्जन समुदाय तथा चिकित्सों को एक मंच पर एक साथ आने तथा इस विधा से जुड़े मुद्दों को संबोधित करने का मौका भी देता है।

एसिड अटैक पीडि़तों की मदद कर रहा एसजीपीजीआई

उन्होंने कहा कि एसिड अटैक, जिसे तेजाब फेंकना भी कहा जाता है, एक हिंसक अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति पर जानबूझकर तेजाब या कोई अन्य संक्षारक पदार्थ फेंका जाता है, जिसे उसे विकृत करना, अपंग करना, प्रताड़ित करना या मारना होता है। यह एक जघन्य अपराध है जो पीडित के शरीर पर गंभीर निशान, गतिहीनता और मृत्यु और स्थायी विकलांगता जैसे असर छोड़ देता है।

उन्होंने बताया कि संजय गांधी खातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान का प्लास्टिक सर्जरी विभाग पिछले 10 वर्षों से एसिड अटैक पीड़ितों की मदद कर रहा है और ऐसे 30-40 पीड़ितों की सफल सर्जरी और चिकित्सा उपलब्ध करा चुका है। जिस भी व्यक्ति के शरीर पर अम्ल का घातक आक्षेप किया जाता है, उस व्यक्ति पर अम्ल बहुत ही घातक प्रतिक्रिया करता है जिसमें शरीर के उभारों का जल जाना, शरीर के अंगों का नष्ट हो जाना और कई तरह के स्थायी नुकसान शामिल होते हैं। प्लाटिक सर्जरी विभाग ऐसे रोगियों का सफलतापूर्वक और स्थायी इलाज कर रहा है, जिससे अम्ल आघात पीड़ितों को एक नया जीवन मिला है।

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