Wednesday , July 16 2025

राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण की तल्ख टिप्पणी का मुस्कुराकर जवाब दिया योगी आदित्यनाथ ने

-केजीएमयू में परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण समारोह में हुआ ऐसा

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में 14 जुलाई को हुए शिलान्यास एवं लोकार्पण समारोह में मंच पर मुख्य अतिथि योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में एक समय ऐसा भी आया जब चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने एम्स गोरखपुर की तुलना केजीएमयू से करते हुए केजीएमयू को हर क्षेत्र में गोरखपुर एम्स से बेहतर बताया, बाद में मयंकेश्वर शरण सिंह की इस टिप्पणी के पीछे छिपी उनकी पीड़ा को उजागर करते हुए मुख्यमंत्री ने मुस्कुराकर इस पर अपनी बात कही।

हुआ यूं कि जब मयंकेश्वर शरण सिंह को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया तो उन्होंने अपने सम्बोधन में केजीएमयू की तारीफ करते हुए कह दिया कि पिछले छह माह में मैंने देखा है कि केजीएमयू की आज की स्थिति तो ऐसी है कि अब तो गोरखपुर एम्स से भी मरीज रेफर होकर आ रहे हैं, जबकि कहा जाता है कि एम्स इलाज के लिए आखिरी जगह है। उन्होंने कहा कि मुझे यह कहने में जरा भी संकोच नहीं है कि आज की स्थिति में चाहे कोई फैकल्टी हो या इलाज, केजीएमयू गोरखपुर एम्स से सभी क्षेत्रों में बेहतर है। मयंकेश्वर शरण यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि आप सबसे मेरी यही अपेक्षा है कि कम से कम गोरखपुर एम्स से हम बेहतर रहें दिल्ली एम्स से बेहतर हो पायें या न हो पायें। उन्होंने कहा कि लेकिन कोशिश करने में हम लोग पीछे नहीं रहेंगे और एक समय ऐसा आयेगा कि दिल्ली एम्स को भी हम पछाड़ देंगे।

चार साल के बच्चे की तुलना 120 साल वाले से : ब्रजेश पाठक 

इसके तुरंत बाद मंच पर भाषण देने पहुंचे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अपने भाषण के दौरान मयंकेश्वर शरण सिंह की टिप्पणी पर कहा कि अभी राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह कह रहे थे कि केजीएमयू गोरखपुर एम्स से बेहतर है, उन्होंने कहा​ कि गोरखपुर एम्स की उम्र अभी मात्र चार साल है और चार साल के बच्चे को 120 साल से मिला रहे हैं। उन्होेंने कहा कि 120 साल का जो यह केजीएमयू का इतिहास है यह वट वृक्ष की तरह है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में राज्यमंत्री की इस टिप्पणी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 17 मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश शुरू हो गये हैं और इस वर्ष भी कुछ नये केंद्रों में एडमिशन शुरू किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो हमारे राज्यमंत्री की पीड़ा थी, वह यही थी कि गत वर्ष 17 मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन शुरू हो गये, अमेठी मेडिकल कॉलेज में भी होना था लेकिन हो नहीं पाया, उन्होंने कहा कि इसीलिए इस बार पहले चरण में वहां मान्यता देने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि इस वर्ष अमेठी मेडिकल कॉलेज में भी एडमिशन शुरू हो जायेंगे। ज्ञात हो मयंकेश्वर शरण सिंह तिलोई से विधायक हैं।

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