बायप्सी का मतलब सिफ कैंसर की जांच नहीं, अन्य गुर्दा रोगों की भी सटीक जानकारी संभव
एसजीपीजीआई में इंडियन सोसाइटी ऑफ रिनल ट्रांसप्लांट पैथोलॉजी ने मनाया वार्षिक अधिवेशन
सेहत टाइम्स बयूरो
लखनऊ। गुर्दे की बीमारी के लक्षणों और शुरुआत में खून और पेशाब की जांच में कुछ न समझ में आए तो गुर्दे की बायप्सी जरूर करानी चाहिए बायप्सी कराने से बीमारी का सटीक पता पड़ जाता है, जिससे उसका इलाज भी सटीक तरीके से हो जाता है।
यह जानकारी संजय गांधी पीजीआई में इंडियन सोसाइटी ऑफ रिनल ट्रांसप्लांट पैथोलॉजी के वार्षिक अधिवेशन में शनिवार को दी गई। इस अधिवेशन का आयोजन पीजीआई के पैथोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मंजुला मुरारी के नेतृत्व में आयोजन सचिव डॉ मनोज जैन व डॉ विनीता अग्रवाल ने किया। उन्होंने बताया कि इस अधिवेशन में देश विदेश के पैथोलॉजिस्ट शामिल हुए। इंडियन सोसाइटी ऑफ रिनल ट्रांसप्लांट पैथोलॉजी की स्थापना एसजीपीजीआई द्वारा ही की गई थी, तथा यह इसका 14 वां अधिवेशन है। उन्होंने कहा कि लोगों में यह भ्रम होता है कि बायोप्सी की जांच कैंसर के मरीजों की ही कराई जाती है, जबकि ऐसा नहीं है बायप्सी कराने से गुर्दे की कई ऐसी बीमारियां हैं, जिनका सटीक ढंग से पता चल जाता है। उन्होंने बताया की सटीक जांच होने से यह लाभ होता है की नेफ्रोलॉजिस्ट सटीक इलाज करते हैं।
इस मौके पर पीजीआई के डॉक्टर नारायण प्रसाद ने कहा की शुरुआती दौर में 90% बच्चे सिर्फ दवा से ही ठीक हो जाते हैं जबकि ठीक होने का प्रतिशत वयस्कों में 70 से 75 फीसदी है। विशेषज्ञों ने कहा कि गुर्दे के रोगों के लिए ज्यादा नमक, पेन किलर के साथ ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसे रोगों से भी बचना चाहिए और अगर इनमें से कोई रोग हैं तो इन्हें नियंत्रण में रखना चाहिए। अधिवेशन में शामिल विशेषज्ञों का यह भी कहना था कि हमेशा जांच योग्य पैथोलॉजिस्ट से ही कराएं।
योग्य पैथोलॉजिस्ट से ही करायें जांच
इस मौके पर उपस्थित वरिष्ठ पैथोलॉजिस्ट डॉ पी के गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और एमसीआई के मानकों के अनुसार डिग्री धारक पैथोलॉजिस्ट ही से लोगों को जांच करानी चाहिए, इसके लिए आवश्यक है कि पैथोलॉजी में यह जरूर देखें कि वहां का पैथोलॉजिस्ट डिग्री धारक है अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि गुर्दे के रोगों का पता लगाने के लिए शुरुआती जांच पेशाब की होती है तथा उच्चतम स्तर की जांच किडनी की बायप्सी होती है उन्होंने कहा साधारण सी जहाज में भी अगर अयोग्य पैथोलॉजिस्ट द्वारा जरा सी भी असावधानी बरती गई तो यह मरीज के लिए कष्ट कारक होती है। इसीलिए योग्य पैथोलॉजिस्ट से जांच करानी चाहिए।
लैब की बारीकियां समझने वालों को संगीत की भी बारीकियों का अच्छा ज्ञान
दिन भर के एकेडमिक सेशन के बाद शाम को सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया। इसमें संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टरों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। इनमें लैब में बारीकी से जांच करने वाले डॉ अविरल गुप्ता, डॉ ज्योति, डॉ निलय सहित अन्य डॉक्टरों ने नृत्य में भी मंजे हुए हाथ दिखाये।