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बिना विकल्प डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ी तो टकराव तय

रिटायरमेंट की आयु 62 से बढ़ाकर 70 वर्ष करने की तैयारी में है सरकार

चिकित्‍सकों की दो टूक, उम्र बढ़ानी है तो बढ़ायें लेकिन विकल्‍प जरूर रखें

निदेशक स्‍तर के दो चिकित्‍सकों समेत जून में रिटायर हुए 39 चिकित्‍सक

पद्माकर पाण्‍डेय ‘पद्म’

लखनऊ। चिकित्‍सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से 62 वर्ष करने के निर्णय के चलते दो साल पूर्व रुका रिटायरमेंट का सिलसिला जो मई 2019 में दोबारा शुरू हुआ था, वह जून में भी जारी रहा लेकिन यह सिलसिला कब तक चलता रहेगा, यह चार दिन बाद यानी 4 जुलाई को साफ हो सकता है क्‍योंकि चिकित्‍सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से 70 वर्ष करने की तैयारी कर रही सरकार इस दिन होने वाली बैठक में अंतिम फैसला ले सकती है। अब फि‍लहाल सभी की निगाहें इसी पर लगी हैं कि क्‍या सरकार सेवानिवृत्ति की आयु 70 वर्ष करेंगी ? और अगर करेगी तो क्‍या 62 वर्ष पर रिटायरमेंट का विकल्‍प देगी या नहीं? प्रांतीय चिकित्‍सा सेवा संघ की नयी कार्यकारिणी का भी यही कहना है कि सरकार को चाहिये कि अगर सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का फैसला करना है तो 62 वर्ष पर रिटायरमेंट का विकल्‍प अवश्‍य रखे।

 

इस मसले को लेकर चिकित्‍सकों मे भारी उहापोह की स्थिति के बीच लगातार दूसरे माह भी 62 वर्ष की आयु पूरी करने वाले चिकित्सक सेवानिवृत्त हो गये हैं। आज यानी 30 जून को 39 चिकित्‍सक सेवानिवृत्‍त हुए हैं जबकि इसके पूर्व मई माह में 20 चिकित्सक सेवानिवृत्त हुये थे। आपको बता दें कि पूरे दो वर्ष बाद विभाग में चिकित्‍सकों की सेवानिवृत्ति का सिलसिला शुरू हुआ है क्‍योंकि सरकार द्वारा सेवानिवृत्ति आयु 60 से 62 वर्ष किये जाने की वजह से बीते दो वर्षों से 31 मई 2017 से चिकित्सक सेवानिवृत्‍त नहीं हो रहे थे। ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार सरकारी चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से 70 करने पर विचार कर रही है, जिसके के लिए बैठकें भी चल रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस विषय को लेकर 4 जुलाई को होने वाली बैठक में अंतिम निर्णय आ जायेगा।

 

डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय (सिविल) के निदेशक डॉ.हिम्‍मत सिंह दानू, पूर्व निदेशक बलरामपुर अस्पताल एवं सिविल अस्पताल डॉ.ईयू सिद्दीकी समेत प्रदेश के 39 सरकारी चिकित्सक रविवार को सेवानिवृत्त हो गये। इस बाबत शासन द्वारा शनिवार को ही सेवानिवृत्त होने पर वरिष्ठतम अधिकारी को कार्यभार सौपने का फरमान जारी कर दिया गया था। ज्ञात हो कि स्वास्थ्य विभाग में और चिकित्सकों में बड़ा संशय था कि जून में 62 वर्ष की आयु पूरी करने वालों को सेवानिवृत्त किया जायेगा या नहीं, क्योंकि प्रदेश सरकार चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु 62 से बढ़ाकर 70 करने की फिराक में है। इसके लिए बीते दिनों 26 मई की प्रस्तावित बैठक को आगामी 4 जुलाई कर दी गई है। उम्मीद है कि बैठक में सरकार अधिवर्षता आयु बढ़ाने का निर्णय कर देगी।

 

दूसरी तरफ प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के पदाधिकारी अधिवर्षता आयु बढ़ाने में विकल्प की मांग कर रहे हैं। पीएमएस के नये अध्यक्ष डॉ.सचिन वैश्य एवं दूसरी बार के महामंत्री डॉ.अमित सिंह का संयुक्त बयान है कि सरकार अधिवर्षता आयु बढ़ाना चाहती है तो बढ़ाये, मगर हम चिकित्सकों को 62 वर्ष पर विकल्प दे, जो चिकित्सक सरकारी सेवा जारी रखना चाहता है उसे रखा जाये। जो चिकित्सक सेवानिवृत्ति चाहता है उसे सेवानिवृत्त कर दिया जाये। दोनों का कहना है कि अगर सरकार ने विकल्प नहीं दिया तो सरकार को चिकित्सकों का विरोध झेलना पडेग़ा।