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बच्‍चों से छुड़ानी है मोबाइल की लत, तो बड़ों को प्रस्‍तुत करना होगा उदाहरण

-संजय गांधी पीजीआई में डायटेटिक्‍स विभाग ने आयोजित किया जनजागरूकता अभियान

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के डायटेटिक्स विभाग द्वारा 3 मई को जनजागरूकता अभियान के अंतर्गत डॉ एलके भारती के मार्गदर्शन में ओ पी डी रोगी प्रतीक्षालय मे “जीवन शैली से सम्बन्धित बीमारियों के बचाव व उपचार” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत स्क्रीन-टाइम के नुकसान तथा स्क्रीन-टाइम  को कम कैसे करें, डायबटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, फैटी लीवर, हाई कोलेस्ट्राल, डिसलिपिडिमिया, मोटापा इत्यादि  बीमारियों के बचाव हेतु सही आहार, व्यायाम व जीवन शैली में बदलाव के बारे में बताया गया।

कार्यशाला में संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजय धिराज, और सीनियर फिजीशियन डा० प्रेरणा कपूर भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर बोलते हुए प्रोफेसर धीराज ने कहा कि हमें स्वस्थ और सक्रिय जीवन शैली को अपनाना चाहिए। उन्होंने जनसामान्य के लिए जीवन शैली व संतुलित आहार पर इस तरह की कार्यशाला व सेमिनार को समय-समय पर आयोजित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. प्रेरणा कपूर  ने जीवनशैली में बदलाव करने के लिए निरंतर प्रयास करने के लिए जनसामान्य को जागरूक किया।

इस कार्यशाला में प्रो. एल के भारती ने स्क्रीन टाइम के नुकसान व बचाव  पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल बिल्कुल नहीं इस्तेमाल करने देना चाहिए, इससे उनके मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. उन्होंने बताया कि इंडियन अकैडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स  के अनुसार 2 साल के उम्र के ऊपर अधिकतम 2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन-टाइम  नहीं होना चाहिए, जिसमें मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर गेम्स खेलना सभी सम्मिलित है। स्क्रीन टाइम को कम करने के लिए घर के बड़े सदस्यों को स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। 

संदीप श्रीवास्तव द्वारा जीवनशैली व सेडेन्टी कार्यशैली से होने वाली बीमारियों के परिप्रेक्ष्य में व्यायाम और योग के महत्व को बताया गया। कार्यशाला में संतुलित आहार पर सुरभि चन्द्रा ने, महिलाओं में खून की कमी पर अर्चना द्विवेदी ने, मेटाबोलिक सि‍न्ड्रोम पर ममता शर्मा ने, आहार में फाइबर व पानी के महत्व पर प्रीती यादव  ने व आमशा खातून व दीपा मिश्रा ने मिलेट मिशन के विषय में बताते हुए मोटे अनाज को अपने आहार में शामिल करने के महत्व के बारे मे बताया। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने इस वर्ष को ईयर ऑफ Millett घोषित किया है। इस अवसर पर सीनियर डायटीशिन अर्चना सिन्हा, मोनिका, डॉ. शिल्पी पाण्डेय, डा० निरुपमा  सिंह व रीता आनंद भी उपस्थित थे।  

इस अवसर पर बीमारियों  से बचने  के लिए जीवन शैली में आवश्यक बदलाव और संतुलित आहार के विषय पर डायटेटिक्स इन्टेंन द्वारा बनाये गये पोस्टर भी प्रदर्शित किये गये।

कार्यशाला में 200 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। कार्यशाला में विशेषज्ञ  के तौर पर प्रो. सुशील गुप्ता (इण्डोक्राइनोलॉजी) व प्रो० प्रीति दबड़गाव (इण्डोक्राइनोलोजी) भी उपस्थित रहे, जिन्होंने डायबिटीज एवम उससे होने वाली बीमारियों व बचाव के बारे में व्याख्यान  दिया। डायटेटिक्स कार्यशाला में इन्टर्न शिवांगी, ऋचा, स्वेच्छा, रुखसार,  रुचि, शिखा, प्रीति मांगलिक, शाजिया, ज्योति, आयुशी व प्रतिभा यादव ने सक्रिय रूप से भाग लिया। 

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