-नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी का गठन, यूपी में तीन फील्ड इन्वेस्टीगेटर किये गये हैं तैनात
-दुकानों पर चेकिंग के दौरान दवा व्यापारी संघों से सहयोग की अपील की अधिकारियों ने
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। दवा बनाने वाली कम्पनियां दवाओं के मूल्य निर्धारण करने में मनमानी न कर सकें, इस पर नजर रखने के लिए भारत सरकार द्वारा कदम उठाये गये हैं। नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (एन0पी0पी0ए0) भारत सरकार, मिनिस्ट्री ऑफ केमिकल एण्ड फर्टीलाइजर, डिपार्टमेन्ट ऑफ फार्मास्युटिकल्स के द्वारा प्रदेश में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अंतर्गत शिड्यूल एवं नॉन-शिड्यूल फॉर्मुलेशन के मूल्यों को ड्रग प्राइस कन्ट्रोल ऑर्डर (डी0पी0सी0ओ0), 2013 के तहत निर्धारित औषधि मूल्यों की जांच के लिए प्राइस मॉनीटरिंग एण्ड रिसोर्स यूनिट (पी0एम0आर0यू0) का गठन किया गया है।
यह जानकारी आज यहां औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उ0प्र0 ए0के0 जैन ने दी। उन्होंने बताया कि इस यूनिट में गोविन्द राय, विमल चन्द्र पाण्डेय एवं विवेक कुमार पाण्डेय फील्ड इनवेस्टीगेटर, पी0एम0आर0यू0 उत्तर प्रदेश के पद पर कार्यरत हैं। इसके द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों पर डी0पी0सी0ओ0, 2013 के अंतर्गत औषधियों के मूल्यों की निगरानी व उपलब्धता के संबंध में सर्वे कार्य किया जा रहा है।
पी0एम0आर0यू0, उत्तर प्रदेश के फील्ड इन्वेस्टीगेटर द्वारा औषधियों के मूल्यों में भिन्नता पाये जाने पर संबंधित औषधि को क्रय करके बीजक प्राप्त किया जायेगा एवं संबंधित निर्माता फर्म द्वारा किये जा रहे उल्लंघन की सूचना एन0पी0पी0ए0 भारत सरकार को आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रेषित की जायेगी।
श्री जैन ने बताया कि औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी, उ0प्र0 द्वारा समस्त औषधि विक्रेता संघ उ0प्र0 एवं समस्त औषधि नियंत्रण अधिकारी, उ0प्र0 से पी0एम0आर0यू0, के फील्ड इन्वेस्टीगेटर को इस कार्य में आवश्यक सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।