उपचार से पूरी तरह ठीक हो सकते हैं मानसिक रोग
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। देश में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति बहुत चिन्ता जनक है। मानसिक रोगों के उपचार में होम्योपैथिक दवाइयां पूरी तरह कारगर हैं सबसे बड़ी विशेषता यह है यह रोगी को लती नहीं बनाती हैं तथा शरीर पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव भी नही उत्पन्न करती है।
यह जानकारी विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक एवं केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद के सदस्य डॉ अनुरुद्ध वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य संवेक्षण 2015-16 में यह तथ्य उजागर हुआ है कि देश के 15 करोड़ लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति अच्छी नहीं है और उन्हें देखभाल की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में भाग दौड़ आपा-धापी की जिन्दगी, बदलती हुयी अर्थव्यवस्था के कारण जिन्दगी में तनाव, भुलक्कड़पन, अवसाद, चिन्दा, अनिद्रा, फोबिया, गुस्सा, हिस्टीरिया, सिजोफ्रेनिया, चिड़चिड़ापन आदि से देश की ज्यादातर आबादी ग्रसित है। उन्होंने बताया कि मानसिक बीमारी की स्थिति यह है कि दुनिया में हर 40 सेकेण्ड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है और भारत में प्रति 1 लाख लोगों में से 15 लोग आत्महत्या कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि देश में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के अभाव के कारण लोग उपचार नहीं कराते है और लोग झाड़-फूंक और ओझाओं के चक्कर में पड़े रहते हैं जबकि उपचार से मानसिक रोग पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मानसिक रोग मस्तिक में आये किसी कारण से हुये बदलाव या रासायनिक असंतुलन, लम्बे समय तक चिन्ता ग्रस्त रहने, किसी प्रिय की मृत्यु अथवा अपमान के कारण, आनुवांशिक समस्यायें जैसे मिर्गी, मंदबुद्धि विकार, उन्माद, अवसाद, पर्सनालिटी डिस्ऑर्डर, मस्तिक में चोट, संक्रमण या कोई और विकार, हिंस्सा, बलात्कार, आर्थिक एवं सामाजिक परेशानियां मानसिक रोगों का कारण हैं। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति ज्यादा आत्म केन्द्रित रहता है कि जरा सी बात में भयभीत हो जाता है तो उसे हर तरफ दुःख ही दुःख दिखायी पड़ता है, स्मरण शक्ति घटना, अलग-थलग रहने की आदत, नींद व भूख में अस्वाभाविक परिवर्तन, एकाग्रता में कमी, दूसरे के प्रति शक्कीपन के लक्षण हो तो वह मानसिक बीमारी से ग्रसित हो सकता है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक में रोगी का उपचार मानसिक लक्षणों के आधार पर किया जाता है इसलिए होम्योपैथिक दवाइयां मानसिक स्वास्थ्य की देख-भाल में पूरी तरह कारगर हैं। उन्होंने बताया कि मानसिक रोगों से बचने के लिए पौष्टिक आहार, पूरी नींद, योग एवं प्राणायाम, सात्विक जीवन, सकरात्मक सोच रखनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि परिवारिक सदस्यों को यदि किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य खराब है तो उसका पूरा ध्यान रखना चाहिए तथा उसकी उपेक्षा के बजाय उपचार कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को सही रखना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है क्योंकि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य ठीक होना आवश्यक है।