–डॉ शाश्वत विद्याधर ने एक साल के इलाज में हासिल की सफलता
सेहत टाइम्स
लखनऊ। ट्यूबरक्यूलोसिस यानी टीबी बीमारी के साथ ऑर्थराइटिस, डिस्यूज ओस्टियोपेनिया के साथ ही एब्डोमिन में मेसनट्रिक लिम्फेडेनाईटीस, स्प्लीनोमेगेली, हाइड्रोनेफ्रोयुरेटरोसिस जैसी मल्टीपल बीमारियों से ग्रस्त बच्चे को स्वस्थ करने में निजी अस्पताल के डॉ शाश्वत विद्याधर को सफलता हासिल हुई है।
यह दावा करते हुए उपचार करने वाले बुलाकी अड्डा स्थित सेंट मैरी हॉस्पिटल एवं प्रीमियर डायग्नोस्टिक के सहसंचालक डॉ शाश्वत विद्याधर ने बताया कि महासो ग्राम जिला बस्ती से एक सात साल का बच्चा जो कि उनके पास जब आया तो बच्चा सही ढंग से चल नहीं पा रहा था ,उसको चलने में दर्द होता था एवं पेट में भी दर्द रहता था। जांच करने पर पाया गया कि बच्चा एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलोसिस एवं बाएं घुटने में ट्यूबरकुलर ऑर्थराइटिस एवं पैरों में डिस्यूज ओस्टियोपेनिया के साथ ही एब्डोमिन में मेसनट्रिक लिम्फेडेनाईटीस, स्प्लीनोमेगेली , हाइड्रोनेफ्रोयुरेटरोसिस एवं सीवियर एनीमिया से पीड़ित था। बच्चे ने इससे पूर्व कई चिकित्सकों को दिखाया पर आराम नहीं मिला। डॉ शाश्वत ने बताया कि बच्चे का इलाज लगभग 1वर्ष तक चला, अब बच्चा स्वस्थ है।
डॉ शाश्वत विद्याधर ने बताया कि ट्यूबरकुलर ऑर्थराइटिस बच्चों में काफी कम होता है और एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलोसिस मरीजों में यह लगभग 10% लोगो मे देखा गया है। मरीज के परिजन डॉ शाश्वत को धन्यवाद देते नहीं थक रहे हैं। डॉ शाश्वत विद्याधर जनरल फिजिशियन के साथ-साथ एमडी पैथोलॉजिस्ट एवं सोनोलॉजिस्ट भी हैं तथा उन्होंने इंंटेसिव केयर मेडिसिन में फेलोशिप एवं डायबेटोलॉजी में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है। डॉ शाश्वत एक चैरिटेबल क्लिनिक भी चलाते हैं तथा चिकित्सा प्रकोष्ठ भाजपा लखनऊ के संयोजक भी हैं।