-कुष्ठ रोग का प्रारंभिक अवस्था में ही इलाज करने का बीड़ा उठाया है डॉ विवेक कुमार ने
धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। यह आवश्यक नहीं है कि समाज सेवा तभी की जा सके जब आपके पास भरपूर समय और पैसा हो, समाज सेवा के लिए अपनी व्यस्ततम दिनचर्या के बीच थोड़े से प्रयास से इसे कैसे किया जा सकता है, यह उदाहरण प्रस्तुत किया है वरिष्ठ चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विवेक कुमार ने, जो कि अपनी प्राइवेट क्लीनिक पर संस्थागत तरीके से कुष्ठ रोगियों के उपचार के लिए निर्धारित कोर्स के दौरान सभी दवाएं निः शुल्क प्रदान कर रहे हैं।
वर्ष 2018 में डॉक्टर दिवस 1 जुलाई को शुरू की गयी सेवा के तहत डॉ कुमार पिछले साढ़े पांच सालों में अब तक 96 मरीजों को मुफ्त परामर्श व 74027 रुपए की दवाएं निः शुल्क उपलब्ध करा चुके हैं। ज्ञात हो आलमबाग स्थित अपनी प्राइवेट क्लीनिक पर इस सेवा के अतिरिक्त डॉ विवेक कुमार पिछले 31 सालों से मोहनलालगंज में ज्योति नगर स्थित मदर टेरेसा की सोसाइटी द्वारा संचालित मिशनरी ऑफ चैरिटी 100 बिस्तरों वाले कुष्ठ पुनर्वास केंद्र (लेप्रोसी रिहैबिलिटेशन सेंटर) पर सप्ताह में 2 दिन लेप्रोसी के मरीजों की पहचान के लिए त्वचा रोग की निः शुल्क ओपीडी संचालित करते हैं, साथ ही अस्पताल में भर्ती लेप्रोसी के मरीजों को अपनी निः शुल्क सेवाएं दे रहे हैं।
यह पूछने पर कि आप मोहनलालगंज में यह सेवा पिछले 31 सालों से दे रहे हैं तो पिछले 2018 से अपनी निजी क्लीनिक पर पूरे कोर्स की दवा नि:शुल्क उपलब्ध कराने की कोई विशेष वजह है, इसके जवाब में डॉ विवेक कुमार बताते हैं कि इसकी मुख्य वजह है कुष्ठ रोग का शुरुआत में ही उपचार कर रोग को भयावह स्थिति में पहुंचने से रोकना। डॉ विवेक कुमार ने बताया कि कुष्ठ रोग का इलाज अगर शुरुआत में ही कर लिया जाए तो यह पूर्णतया ठीक हो जाता है। लेकिन इलाज न करने पर या बीच में इलाज छोड़ देने पर स्थितियां बिगड़ती जाती हैं। इस रोग में हाथ-पैर में चट्टे पड़ जाते हैं, जिनमें पहले झनझनाहट होती है, इलाज न किया जाये तो थोड़े दिनों बाद सुन्नपन हो जाता है जिससे चोट, जलने आदि का अहसास मरीज को नहीं हो पाता है, धीरे-धीरे 10-15 वर्षों में उंगलिया कट कर गिरने लगती हैं, और अगर इंफेक्शन ज्यादा फैल गया तो आंखों की रोशनी भी चली जाती है।
डॉ विवेक बताते हैं कि इन मरीजों को दवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें इसके लिए दुकान निर्धारित कर दी गई है जहां मरीज पर्चा लेकर जाता है तो उसे तीन से चार हफ्ते की दवा उपलब्ध करा दी जाती है, इन दवाओं का बिल दुकानदार मेरे पास भेज देता है जिसे मैं चेक से भुगतान कर देता हूं।
सरकार की तरफ से कुष्ठ रोग को मिटाने के लिए निः शुल्क इलाज का कार्यक्रम तो चल ही रहा है, लेकिन सरकार के प्रयास के साथ ही यदि दूसरे त्वचा रोग विशेषज्ञ भी डॉक्टर विवेक कुमार की तरह का कदम उठाएं तो इस रोग का शीघ्र उन्मूलन आसान हो जायेगा।