डॉ एलएलबी भट्ट, डॉ शादाब मोहम्मद समेत 19 हस्तियों को मिला यूपी रत्न सम्मान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि भ्रूण हत्या करने वाले यह नहीं सोचते की बेटी शिक्षित होकर दो घरों का भला करने की क्षमता रखती है। दहेज, बाल-विवाह, महिला पर अन्य प्रकार के हिंसात्मक कृत्य में परिवर्तन लाने के लिए समाज आगे आए। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। पहले वे केवल नर्सिंग या शिक्षिका की नौकरी तक सीमित थीं पर वर्तमान में कार्यक्षेत्र बढ़ा है।
राज्यपाल ने यह विचार आज सिटी मान्टेसरी स्कूल के सभागार में ऑल इण्डिया कॉन्फ्रेंस ऑफ इंटीलेक्चुअल्स द्वारा आयोजित ‘लैंगिक असंतुलन में बुद्धिजीवियों की भूमिका’ विषयक चर्चा सत्र में व्यक्त किये। इस अवसर पर संस्था द्वारा उत्तर प्रदेश रत्न सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें 19 विभूतियों को स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि आज विश्वविद्यालय में उपस्थिति के साथ प्रदर्शन में भी महिलाएं स्थान प्राप्त कर रही हैं। लगभग 65 प्रतिशत पदक बेटियों को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के अभाव के कारण ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की स्थिति संतोषप्रद नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि हम कहा खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी यानि महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। संगोष्ठी के विषय पर गंभीरता से विचार करने तथा उसे धरातल पर उतारने की जरूरत है। महिला सशक्तीकरण देश की प्रगति की दृष्टि से अहम मुद्दा है। भारतीय संस्कृति में कहा जाता है कि जहाँ महिला का सम्मान होता है वहीं देवों का अधिष्ठान होता है। भारतीय संविधान ने भी बराबरी का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवी वर्ग केवल सलाह देने तक सीमित न रहे बल्कि बदलाव के घटक बने।
चर्चा सत्र में ले. जनरल केएम सेठ पूर्व राज्यपाल छत्तीसगढ़, न्यायमूर्ति एसएन अग्निहोत्री, संस्था के अध्यक्ष आरसी दीक्षित, जगदीश गांधी व अन्य विशिष्टगण भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने विश्वकर्मा जयंती की बधाई दी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी तथा प्रदेश की जनता की ओर से उनके जन्म दिवस की बधाई दी।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति एसएन अग्निहोत्री, ले जनरल केएम सेठ, जगदीश गांधी व अन्य ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में विधायक देवरिया कमलेश शुक्ला, केजीएमयू के कुलपति प्रो मदन लाल ब्रह्म भट्ट, आईएएस जितेन्द्र सिंह, डॉ राम एस दुबे, आनन्देश्वर पाण्डेय, रामेन्द्र त्रिपाठी, डॉ कमला डी सिंह, अनुपम मिश्रा, डॉ एचपी शर्मा, मनोज कुमार अग्रवाल, केजीएमयू के डा शाबाद मोहम्मद, अनिल अग्रवाल, डॉ नीतू शर्मा, इंजीनियर पंकज अग्रवाल, उपासना अरोरा, ज्ञान प्रकाश शर्मा, असित कुमार चतुर्वेदी, एसी पाण्डेय एवं अभिनव सुशील को सम्मानित किया गया।