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मेडिकल जरनल में हिन्‍दी में सम्‍पादकीय लिखकर रचा इतिहास

नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन की पत्रिका में टीबी पर दी गयी है हिन्‍दी में विस्‍तृत जानकारी

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍व विद्यालय (केजीएमयू) के पल्‍मोनरी विभाग के हेड डॉ सूर्यकांत का हिन्‍दी प्रेम एक बार फि‍र चर्चा में है। दरअसल डॉ सूर्यकांत ने नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) की पत्रिका एनएमओ जरनल में टीबी के विषय में सारी जानकारी न सिर्फ अंग्रेजी के साथ हिन्‍दी में भी लिखी है, बल्कि चिकित्‍सा जगत के इस द्विभाषीय जरनल की सम्‍पादकीय भी हिन्‍दी में लिखकर एक नया इतिहास रच दिया है।

आपको बता दें कि पहली बार डॉक्‍टरी की थीसिस हिन्‍दी में लिखने वाले डॉ सूर्यकांत अब तक कई पुस्‍तकें हिन्‍दी में लिख चुके हैं। एनएमओ के जरनल के सम्‍पादक डॉ अश्विनी टंडन ने 40वें राष्‍ट्रीय अधिवेशन के मौके पर निकलने वाले अंक को तैयार करने की जिम्‍मेदारी डॉ सूयकांत को सौंपी थी। डॉ सूर्यकांत ने अतिथि सम्‍पादक की भूमिका का निर्वहन करते हुए इस पत्रिका का सम्‍पादकीय भी हिन्‍दी में लिखकर नयी शुरुआत की है। इस जरनल का आज एनएमओ कॉन्‍फ्रेंस के पहले दिन लोकार्पण किया गया।

 

आपको बता दें कि यह जरनल पूरी तरह टीबी की बीमारी पर समर्पित है। यह पत्रिका दुनिया की चिकित्सा जगत की एक मात्र द्विभाषीय पत्रिका है जिसमें अंग्रेजी के साथ साथ हिंदी भाषा में भी लेख प्रकाशित होते हैं। डॉ सूर्यकांत ने इस पत्रिका में अपना टीबी पर आधारित संपादकीय हिंदी भाषा में लिखा है ज्ञात रहे कि इसी वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 2025 तक भारतवर्ष से टीबी को समाप्त करने की घोषणा की है एनएमओ जरनल का लोकार्पण केजीएमयू के कन्वेंशन सेंटर में संपन्न हुआ जिसमें इसके मुख्य संपादक डॉ अश्विनी टंडन तथा एनएमके राष्ट्रीय पदाधिकारी व केजीएमयू के कुलपति डॉ एमएलबी भट्ट उपस्थित रहे।