उत्तर प्रदेश केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन के सम्मेलन में दवा व्यापारियों ने रखीं मांगें
लखनऊ। टीबी के उन्मूलन की दिशा में लगी सरकार द्वारा दवा की बिक्री के लिए बनाए गए नए निर्देशों से दवा व्यापारियों ने असहमति जतायी है और कहा है कि टीबी की दवा लेने आए आने वाले मरीजों का विवरण लेना उनके लिए संभव नहीं होगा क्योंकि मोबाइल नंबर और पता जैसी जानकारी जितना आसानी से मरीज डॉक्टर को बता देता है उतनी आसानी से दवा दुकानदार को नहीं बताएगा, इसलिए हमारा सुझाव है कि चिकित्सक के ही स्तर से प्रिस्क्रिप्शन पर सारी जानकारी लिखी हुई आए, जिसकी दुकानदार फोटो कॉपी करके रिकॉर्ड के रूप में रख लेगा.
यह बात आज यहाँ उत्तर प्रदेश केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन के सम्मेलन में महामंत्री सुरेश गुप्ता ने कही. ज्ञात हो नए निर्देश के अनुसार टीबी के मरीजों का डिटेल दुकानदार को भी रखना अनिवार्य कर दिया गया है. आपको बता दें सरकार ने टीबी का इलाज बीच में छोड़ने वाले रोगियों को चिन्हित करने के लिए नियम बनाए हैं, उन्हीं नियमों में एक नियम दुकानदार द्वारा टीबी की दवा लेने वाले मरीज का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य किया गया है. गुप्ता ने केंद्र सरकार को आगाह किया कि दवा व्यापारियों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने कहा कि ई वे बिल दवा व्यापार पर नहीं लागू होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इसी प्रकार फार्मासिस्ट की अनिवार्यता थोक दवा व्यापारियों पर भी लागू करना उचित नहीं है. फार्मासिस्ट की दिक्कत हमेशा से फुटकर व्यापारियों को रही है, ऐसे में थोक व्यापारियों के लिए भी इसकी अनिवार्यता करना उचित नहीं है.
फेडरेशन के मीडिया प्रभारी ने बताया कि कार्यक्रम में पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि आपकी सभी समस्याओं का निवारण मिल-बैठकर किया जायेगा, इसके लिए सरकार द्वारा आपके प्रतिनिधि मंडल को बुलाया जायेगा. अध्यक्ष दिवाकर सिंह ने कहा कि नए ड्रग लाइसेंस को जारी करने एवं नवीनीकरण करने में कठिनाइयां आ रही हैं क्योंकि इन्हें बिना किसी पूर्व तैयारी के लागू किया गया है.
इस मौके पर फेडरेशन का चुनाव भी निर्विरोध संपन्न हुआ, इसमें अध्यक्ष दिवाकर सिंह, महामंत्री सुरेश गुप्ता, संरक्षक गिरिराज रस्तोगी सहित सभी पहले वाले पधाधिकारियों का चुनाव किया गया.