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उपचार करने की दुविधा से निकलने का मंत्र बताया चिकित्सकों को

-केजीएमयू के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने मनाया आठवां स्थापना दिवस समारोह

सेहत टाइम्स

लखनऊ। बीमारी अतिगंभीर और लाइलाज है, मरीज आईसीयू में भर्ती है, लेकिन कहते हैं कि जब तक सांस है तब तक आस है, इसी मन:स्थिति के बीच इलाज करने वाला चिकित्सक एक के बाद एक कोशिश करते हुए उपचार करता रहता है, लेकिन बीमारी और इलाज से तंग हो चुका मरीज चिकित्सक से इलाज न करने को कहता है लेकिन दूसरी ओर परिजन चिकित्सक से कहते हैं कि आप जो संभव हो वो करें, ऐसी परिस्थिति में चिकित्सक के सामने दुविधा वाली स्थिति पैदा हो जाती है कि वह मरीज की सुने या उसके अटैन्डेंट की सुने। ऐसे मौकों पर नैतिकता क्या कहती है, चिकित्सक को किस प्रकार निर्णय लेना चाहिये, इसके बारे में जानकारी आज डा० भुवना कृष्णा, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, किटीकल केयर मेडिसिन विभाग, सेंट जॉन मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल, बंगलुरु द्वारा Navigating Ethical Dilemmas in Intensive Care विषय पर आधारित अपने व्याख्यान में दी। उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जब मरीज वेंटीलेटर के सहारे चल रहा है, मरीज के ठीक होने की संभावना भी नहीं है, लेकिन अगर वेंटीलेटर हटाया जायेगा तो मरीज की मौत हो जायेगी, ऐसी स्थिति में निर्णय लेने के लिए अस्पताल में एक कमेटी गठित होनी चाहिये, जो सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उपचार को जारी रखने या न रखने के बारे में निर्णय ले।

यह जानकारी देते हुए कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ सौमित्र मिश्रा ने बताया कि इस व्याख्यान का आयोजन किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयू के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा आज 29 नवम्बर को शताब्दी फेज-2 स्थित ऑडिटोरियम में अपने आठवें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर किया। एक दूसरा व्याख्यान प्रो० प्रवीन कुमार जैन, चेयरमैन, कॉलेज ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन, मुम्बई ने The Evolution of Critical Care Medicine in India : Tracing the Past and Present Milestones विषय पर दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में भारत में क्रिटिकल केयर की शुरुआत, इसकी प्रगति और इसके भविष्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि कुलपति प्रो० सोनिया नित्यानंद द्वारा प्रो० अमिता जैन, अधिष्ठाता, चिकित्सा संकाय, केजीएमयू, प्रो० बी०केओझा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, गांधी स्मारक एवं सम्बद्ध चिकित्सालय, केजीएमयू एवं प्रो० अविनाश अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, किटीकल केयर मेडिसिन विभाग की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर विभागाध्यक्ष, प्रो० अविनाश अग्रवाल द्वारा क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी एवं विभाग की भविष्य की कार्य-योजनाओं के ऊपर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के LOGO का प्रकाशन भी किया गया। डा० वी०आर०श्रीवत्स, असिस्टेंट प्रोफेसर, द्वारा क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के लोगो पर विशिष्ट प्रकाश डाला गया।

कुलपति प्रो० सोनिया नित्यानंद ने अपने सम्बोधन में विभाग की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट एवं भविष्य की कार्ययोजनाओं के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए यह विश्वास जताया कि क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा मरीजों के हित में किये जा रहे प्रयास उत्कृष्ट हैं। कुलपति ने विभाग में संचालित पर्सनलाईज्ड मेडिसिन इकाई (Precision Medicine Unit PMU) का जिक करते हुए उसकी महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मुझे खुशी है कि क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में भर्ती होने वाले प्रत्येक मरीज का पृथक-पृथक सटीक रोग निदान कर सटीक औषधियों एवं उनकी सटीक मात्रा का चयन करते हुए मरीजों का सफल एवं सटीक उपचार प्रदान करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुझे गर्व है कि क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग देश का पहला ऐसा विभाग है जहां पर्सनलाईज्ड मेडिसिन की विधा का उपयोग करते हुए मरीजों को कास्ट इफेक्टिव एवं सटीक उपचार प्रदान करने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। कुलपति ने विश्वास दिलाया कि रोगी हित में उनके द्वारा किये जा रहें सभी सार्थक प्रयासों में उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन स्तर से सदैव मदद मिलेगी। इस अवसर पर कुलपति द्वारा किटीखेल-2024 के विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया।

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