Saturday , September 13 2025

होम्योपैथिक दवाओं से जटिल रोगों को ठीक करने के साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे देशभर से आ रहे चिकित्सक

-लखनऊ के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय राष्ट्रीय होम्योपैथिक कॉन्फ्रेंस 13-14 सितम्बर को


सेहत टाइम्स
लखनऊ। केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में 13 एवं 14 सितम्बर को डॉ हैनीमैन एजुकेशनल सोसाइटी इण्डिया डेवलपमेंट सोसाइटी इण्डिया के तत्वावधान में होने वाली 10वीं राष्ट्रीय होम्योपैथिक कॉन्फ्रेंस 2025 की खास बात यह है कि इसमें जो पेपर प्रस्तुत किये जायेंगे उनमें ज्यादातर साक्ष्य आधारित होंगे, इसका नतीजा यह होगा कि जो लोग होम्योपैथी का मजाक उड़ाते हैं, या होम्योपैथी के दम को नहीं मानते हैं, उनकी धारणा बदलेगी। किसी भी बात को मानने के लिए तर्क की कसौटी पर कसने वाले लोगों के लिए ये साक्ष्य होम्योपैथिक के प्रति विश्वास की भावना का संचार करेंगे। सम्मेलन में ग्रीस से डॉ पोस्टास और डॉ फारुक जे मास्टर सहित अनेक स्पीकर आ रहे हैं। भारत भर से इसमें करीब 550 होम्योपैथिक चिकित्सकों के आने की संभावना है।

यह बात आज 12 सितम्बर को गोमती नगर स्थित एक होटल में कॉन्फ्रेंस की जानकारी देने के लिए आयोजित पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ गिरीश गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि जो लोग होम्योपैथी को प्राचीन पद्धति मानते हैं, उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि होम्योपैथी उपचार की सबसे लेटेस्ट पद्धति है, इसका जन्म एलोपैथी के एक बाय प्रोडक्ट के रूप में हुआ था, होम्योपैथिक के जनक डॉ सैमुअल हैनीमैन स्वयं एलोपैथ चिकित्सक थे तथा उन्होंने एलोपैथ से स्थायी लाभ न मिलने के कारण ही ऐसी पैथी तलाशी जो मरीज को रोग से स्थायी छुटकारा दिला सके। दवा के प्रति भरोसा जताने के लिए ज्यादातर रिसर्च पेपर साक्ष्य आधारित होंगे, देश के कई राज्यों से चिकित्सक आ रहे हैं। होम्योपैथी सबसे नयी और रिफाइन पैथी है, इसकी खूबी यह है कि इसमें दवा का चुनाव बीमारी के हिसाब से नहीं बल्कि होलिस्टिक एप्रोच के साथ मरीज के तन और मन दोनों की स्थितियों और लक्षणों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। जहां ऐलोपैथी, आयुर्वेदिक में काफी मात्रा में दवा खाने की सलाह दी जाती है वहीं होम्योपैथी में मिनिमम डोज से इलाज किया जाता है।

21वीं सदी की मुख्य पैथी बनने की राह पर है होम्योपैथी : डॉ गिरीश गुप्ता

डॉ गिरीश ने बताया कि आजकल जो बीमारियां हैं उनमें 50 प्रतिशत बीमारियों का इलाज सिर्फ होम्योपैथी में है, उदाहरणार्थ कुछ सर्जिकल बीमारियां जैसे किडनी स्टोन, यूट्राइन फायब्रायड, ओवेरियन सिस्ट, प्रोस्टेट जैसी बीमारियों में होम्योपैथी में बिना सर्जरी सिर्फ दवाओं से ठीक हो जाती हैं। त्वचा की बीमारियां, एलर्जी, अस्थमा, विभिन्न प्रकार के मनोरोगों को इलाज होम्योपैथी में है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी ही ऐसा सिस्टम है जो साइकोसोमैटिक है, यानी बहुत सी ऐसी फिजिकल बीमारियां शरीर में होती हैं, लेकिन उनका कारण मन यानी माइंड में होता है। अर्थराइटिस एक या दो दवा से ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी की पैथी होम्योपैथी होने जा रही है, इसमें रिसर्च की कमी थी जिसे हमारे युवा चिकित्सक पूरी कर रहे हैं, इसके अतिरिक्त आयुष मंत्रालय बनने के बाद इस दिशा में और प्रगति हुई है।

उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जो अव्वल तो कभी बीमार नहीं होते हैं, लेकिन अगर होते हैं तो सिर्फ होम्योपैथिक दवायें ही लेते हैं, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी एक कार्यक्रम में कहा था कि जब मैं बीमार होती थी, तो नरेन्द्र मोदी होम्योपैथिक दवा लेने का सुझाव देते थे। आज यह स्टेटस है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, बहुत सारे मंत्री, हाईकोर्ट के न्यायाधीश होम्योपैथिक दवाएं ले रहे हैं। राजा से रंक तक होम्योपैथिक दवाएं ले रहे हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ वर्ष पूर्व एक सर्वे के हवाले से कहा था कि होम्योपैथी के 36 प्रतिशत उपभोगकर्ता भारत में हैं।

पत्रकार वार्ता में आयोजन अध्यक्ष डॉ शिब्ली मजहर, आयोजन सचिव डॉ आशीष वर्मा तथा डॉ निशांत श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि दो दिन की इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन 13 सितम्बर को प्रात 11.30 बजे होगा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश मंजीव शुक्ला होंगे तथा अतिविशिष्ट अतिथि राज्यमंत्री सतीश शर्मा होंगे, विशिष्ट अतिथियों में सदस्य विधान परिषद अंगद कुमार सिंह, केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रो रामजी सिंह, होम्योपैथिक चिकित्सा आकलन और रेटिंग बोर्ड राष्ट्रीय होम्योपैथिक आयोग के अध्यक्ष डॉ आनन्द चतुर्वेदी, निदेशक होम्योपैथी उत्तर प्रदेश डॉ प्रमोद कुमार सिंह, राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के सचिव आईएएस डॉ हीरा लाल, अपर महाधिवक्ता उच्च न्यायालय अनुज कुदेशिया, पूर्व मंत्री मुुकुट बिहारी वर्मा, एशियन होम्योपैथिक लीग के अध्यक्ष डॉ गिरीश गुप्ता, पूर्व निदेशक डॉ बीएन सिंह तथा राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज लखनऊ के प्राचार्य प्रो विजय पुष्कर शामिल होंगे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता सदस्य विधान सभा एवं सचेतक विधान मंडल दल भाजपा साकेन्द्र प्रताप वर्मा करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.