-लेकिन घबराइये नहीं, होम्योपैथिक दवाओं से हो जाता है ठीक
धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। क्या आप जानते हैं कि मानसिक भ्रम होना भी एक बीमारी है, और यह बीमारी शारीरिक बीमारी पैदा कर सकती है। जी हां ऐसा होता है, लेकिन तसल्ली की बात यह है कि भ्रम की बीमारी लाइलाज नहीं है, यह होम्योपैथिक दवाओं से ठीक हो जाती है, बस जरूरत भ्रम के हिसाब से दवाओं को पहचानने की है, उन्होंने बताया कि उनकी क्लीनिक पर जिन मरीजों के भ्रम का इलाज किया गया है उनका सारा रिकॉर्ड मौजूद है।
यह कहना है यहां अलीगंज स्थित गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथी रिसर्च के संस्थापक और वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ गिरीश गुप्ता का। डॉ गुप्ता ने ‘सेहत टाइम्स’ से विशेष वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि उनके पास ऐसे सैकड़ों मरीज आते रहते हैं जो आते तो किसी शारीरिक समस्या को लेकर हैं, लेकिन जब उनकी केस हिस्ट्री तैयार की जाती है और उनसे उनकी व्यावहारिक जानकारी ली जाती है तो कई मरीजों ने कहा कि उन्हें भ्रम रहता है, कि ऐसा हो रहा है।
डॉ गुप्ता ने बताया कि उनके पास आये मरीजों में कई प्रकार के भ्रम पाये गये हैं, इनमें एक है कि मरीज को लगता है कि उसके पीछे कोई खड़ा है, दूसरा भ्रम यह पाया गया है कि मरीज को लगता है कि कोई उसका पीछा कर रहा है। उन्होंने बताया कि मरीज बताते हैं कि ऐसा उन्हें तब ज्यादा लगता है जब वह अंधेरे में होते हैं।
इसके अतिरिक्त एक और सांप होने का भ्रम मरीज बताते हैं। ऐसे मरीज को लगता है कि अभी कहीं से सांप निकल आयेगा, यहां तक कि दिन में भी चारपाई, अलमारी से निकल आयेगा। इसी प्रकार रात में अंधेरे में उन्हें लगता है कि बिजली के स्विच पर सांप ने बैठा हो, तो वह कुछ जलाकर ही स्विच छूते हैं। डॉ गुप्ता बताते हैं कि एक और भ्रम मरीज बताते हैं कि उन्हें यह लगता है कि उन्हें कोई जहर दे देगा, उनके खिलाफ साजिश कर रहा है। उन्होंने बताया कि नेपाल से उनके पास एक दम्पति आया था उसमें पति का कहना था कि यह मेरे खाने में जहर मिलाती है। इसी प्रकार चीज के साफ होने पर भी गंदा होने का भ्रम भी लोगों में पाया जाता है। उन्होंने बताया कि कई लोगों को यह भी भ्रम रहता है कि मेरी बीमारी असाध्य है या मैं किसी असाध्य बीमारी से ग्रस्त हूं। कुछ को लगता है कि उन्हें कोई आवाज दे रहा है।
डॉ गिरीश गुप्ता कहते हैं कि होम्योपैथी की यही खूबी है कि इसमें भ्रम की भी दवायें हैं, जो कि 200 साल पूर्व ही खोजी जा चुकी हैं और इनसे मरीजों का ठीक होना भी साबित हो चुका है। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसे मरीज ठीक किये हैं, उन सभी का रिकॉर्ड मौजूद है। उन्होंने बताया कि भ्रम की दवायें तो मौजूद हैं लेकिन जरूरत इस बात की है कि मरीज के लक्षणों को समझ कर अगर दवा का चुनाव किया जाता है तो उससे लाभ मिलता है।
डॉ गिरीश गुप्ता से यह पूछने पर कि भ्रम के चलते कौन-कौन सी बीमारियों के मरीज उनके पास आये हैं तो उन्होंने बताया कि भ्रम के चलते होने वाली बीमारियों में गर्भाशय में गांठ, ओवरी में सिस्ट, स्तन में गांठें, सफेद दाग, सोरयासिस जैसी बीमारियां लेकर मरीज उनके पास आये हैं, लेकिन जब इनकी हिस्ट्री ली गयी तो भ्रम के बारे में पता चलने पर इन सबका इलाज उस भ्रम का किया गया जो उनके मन में था, भ्रम का इलाज करने पर भ्रम के साथ ही उनकी शारीरिक बीमारी भी ठीक हो गयी।