-केजीएमयू के श्वसन चिकित्सा विभाग के मुखिया प्रो सूर्यकान्त ने दी महत्वपूर्ण सलाह


सेहत टाइम्स
लखनऊ। जाड़े शुरू हो चुके हैं, सर्दी से निजात पाने के लिए विभिन्न जतन किये जाते हैं, इन्हीं में एक है कमरे के अंदर अंगीठी, हीटर, ब्लोअर जैसी वस्तुओं का इस्तेमाल करना, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन चीजों का बंद जगहों पर इस्तेमाल करना कितना खतरना है, यहां तक कि जानलेवा भी हो सकता है। इस बारे में केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो सूर्यकान्त बताते हैं कि इन उपकरणों का इस्तेमाल करने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती हैं, जो कि नुकसानदायक है, इससे दम भी घुट सकता है।
ज्ञात हो कानपुर के पनकी मे हाल ही में चार युवकों की दम घुटने से हुई मौत की वजह कार्बन मोनोऑक्साइड गैस मानी जा रही है। प्रो सूर्यकान्त ने बताया कि दरअसल गर्मी पाने के लिए अधिक देर तक इस्तेमाल करने से लगातार निकलती गैसों का स्तर वातावरण में बढ़ जाता है और ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, ऐसे वातावरण में जब व्यक्ति सांस लेता है तो दम घुटने से मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि खास तौर से जो लोग अंगीठी, ब्लोअर, हीटर आदि चलाकर सो जाते हैं, उन्हें अचानक इतनी तेज परेशानी होती है कि वे अपनी बात किसी से कह भी नहीं पाते हैं, और उनका दम घुट जाता है।
प्रो सूर्यकान्त ने सलाह दी कि सर्दी से बचने का इन्तजाम अवश्य करें, लेकिन रजाई, कम्बल जैसी चीजों का इस्तेमाल कर ठंड का सामना करें, इसके साथ ही यदि किसी प्रकार का कोई रोग नहीं हैं, तो शरीर में गरमी पैदा करने वाली चीजों का सेवन करें, उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकार की बीमारी है और उसका इलाज चलता रहता है तो अपने चिकित्सक से सलाह लेकर अपने खाने लायक उन खाद्यपदार्थों का सेवन करें जो आपकी बीमारी में नुकसान न करते हों।

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