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लखनऊ में रही कोरोना के बाद की सबसे कम प्रदूषण वाली दीपावली

-आईआईटीआर की रिपोर्ट, दीपावली की रात सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा चारबाग

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। इस वर्ष सर्दी की शुरुआत में दीपावली का त्‍योहार होने के कारण कोरोना के बाद पिछले दो साल वर्ष 2020 व 2021 की दीपावली की अपेक्षा इस वर्ष लखनऊ में वायु और ध्वनि प्रदूषण कम रहा, यही नहीं वायु में pm10 स्तर तो वर्ष 2014 के बाद से बीते आठ वर्षों में सबसे कम इस साल रहा जबकि पीएम 2.5 का स्तर भी पिछले आठ सालों में दूसरा सबसे कम स्‍तर है। दीपावली की रात में इस साल सर्वाधिक प्रदूषण चारबाग क्षेत्र में पाया गया।  

यह जानकारी सीएसआईआर भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) के पर्यावरण अनुवीक्षण प्रभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में दी गयी है। दीपावली वाले दिन pm10 स्तर के कणों वाले प्रदूषण की बात करें तो यह पिछले 8 सालों में सबसे कम इस साल रहा है इन 8 सालों में सबसे ज्यादा वर्ष 2018 में 990 µg/m3 था जोकि इस साल 2022 में घटकर 396 µg/m3 हो गया।  इसी प्रकार और अत्‍यन्‍त सूक्ष्‍म 2.5 पीएम वाले कणों का स्तर भी इस साल 279 µg/m3 रहा जो पिछले 8 सालों में दूसरी बार सबसे कम स्तर है, इससे कम 275 µg/m3 स्तर 2015 में रहा था।

ज्ञात हो pm10 में वायु में मौजूद वे छोटे छोटे कण होते हैं जो सांस लेने के दौरान गले और फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं यह कण ज्यादा मात्रा में शरीर में पहुंचने पर खांसी, नाक बहना और आंखों में जलन पैदा करते हैं जबकि 2.5 पीएम वाले कण रक्‍त में भी घुल जाते हैं।  

सीएसआईआर-आईआईटीआर द्वारा जारी रिपोर्ट में दीपावली से पूर्व की स्थिति, दीपावली के दिन की स्थिति और दीपावली के अगले दिन की स्थिति की तुलना करते हुए प्रदूषण की रिपोर्ट जारी की गयी है। यह प्रदूषण रिपोर्ट लखनऊ के अलग-अलग क्षेत्रों की है, इनमें अलीगंज, गोमती नगर, चारबाग और अमौसी शामिल है। इन सभी स्थानों पर 23 अक्टूबर यानी दीपावली से पूर्व, 24 अक्टूबर यानी दीपावली वाले दिन तथा 25 अक्टूबर यानी दीपावली के अगले दिवस पर प्रात: 6 बजे से सायं 6 बजे तक तथा सायं 6 बजे से अगले दिन प्रात: 6 बजे तक की अवधि की स्थिति का आकलन किया गया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि दीपावली वाले दिन शाम 6:00 बजे से अगले दिन सुबह 6:00 बजे के बीच  लखनऊ में चारबाग क्षेत्र की हवा सर्वाधिक प्रदूषित रही,  यहां  शोर भी (नॉइस पॉल्यूशन) सबसे ज्यादा गया, जबकि इन चारों स्थानों में सबसे कम प्रदूषण अमौसी क्षेत्र में पाया गया।

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