Wednesday , April 24 2024

वैज्ञानिक सबूत के साथ मनवायें होम्‍योपैथिक इलाज का लोहा

-डॉ गिरीश गुप्‍ता को प्रतिष्ठित डॉ गिरेन्‍द्र पाल मेमोरियल अवॉर्ड

-प्रयागराज में 18वीं नेशनल होम्‍यो साइंटिफि‍क कांग्रेस एवं अवॉर्ड सेरेमनी आयोजित

डॉ गिरीश गुप्‍ता

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। होम्‍योपैथी से जटिल रोगों के सफल उपचार में इलाज शुरू करने से लेकर उपचार समाप्‍त किये जाने तक का डॉक्‍यूमेंटेशन अवश्‍य करें, इन दस्‍तावेजों में मरीज के रोग को लेकर उसकी हिस्‍ट्री, लक्षणों का विवरण के साथ ही उपचार के प्रथम दिवस से लेकर उपचार पूर्ण होने तक की सभी रिपोर्ट, उपचार का रिकॉर्ड के साथ ही इलाज से पूर्व करायी गयी जांच रिपोर्ट से लेकर रोगमुक्‍त होने तक की जांच रिपोर्ट अनिवार्य रूप से शामिल करें, क्‍योंकि यही रिपोर्ट्स वे सबूत होते हैं जो आप द्वारा किये गये इलाज की सफलता की वैज्ञानिक रूप से पुष्टि करते हैं।

यह महत्‍वपूर्ण सलाह गौरांग क्‍लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्‍योपैथिक रिसर्च के संस्‍थापक व चीफ कन्‍सल्‍टेंट डॉ गिरीश गुप्‍ता ने होम्‍यो फ्रेंड्स द्वारा हैनिमैन जयंती की पूर्व संध्‍या पर 9 अप्रैल को प्रयागराज के जॉर्ज टाउन स्थित केपी परिसर में आयोजित 18वीं नेशनल होम्‍यो साइंटिफि‍क कांग्रेस एवं अवॉर्ड सेरेमनी में अपने सम्‍बोधन में दी। समारोह में आयोजक व होम्‍यो फ्रेंड्स के अध्‍यक्ष डॉ एमपी सिंह द्वारा डॉ गुप्‍ता को प्रतिष्ठित डॉ गिरेन्‍द्र पाल मेमोरियल अवॉर्ड से सम्‍मानित किया गया। डॉ गुप्‍ता को यह अवॉर्ड राजस्‍थान के डॉ अमर सिंह शेखावत के साथ संयुक्‍त रूप से दिया गया है। इनके अलावा इस सम्‍मेलन कई अन्‍य चिकित्‍सकों को भी सम्‍मानित भी किया गया, इनमें गाजीपुर के डॉ एमडी सिंह को होम्यो रत्न अवॉर्ड, बड़ोदरा की डॉ हेमा पारीख को होम्यो भूषण सम्मान, लखनऊ के डॉ निशांत श्रीवास्तव को होम्यो श्री अवॉर्ड, कोलकाता के डॉ आलोक मिश्रा को हैनीमैन अवॉर्ड, मुरादाबाद के डॉ एमपी सिंह को डॉ आरपी सिंह स्मृति अवॉर्ड, जयपुर की डॉ रुचि सिंह को रत्नाकुमारी सिंह अवॉर्ड, सिद्धार्थनगर के डॉ भास्कर शर्मा को जीबी सिंह अवॉर्ड, प्रयागराज के डॉ जी के सांगली को जेसी निगम अवॉर्ड, आजमगढ़ के डॉ देवेंद्र दुबे को ए एन मुखर्जी अवॉर्ड तथा देवरिया के डॉ लल्लन प्रसाद को इशरत सहाय अवॉर्ड शामिल है।

साइंटिफि‍क सत्र में देश भर से आये हुए चिकित्‍सकों ने अनेक प्रकार के रोगों के इलाज को लेकर अपना प्रस्‍तुतिकरण दिया। साइंटिफि‍क सत्र की अध्‍यक्षता करते हुए डॉ गिरीश ने कहा कि होम्‍योपैथी के दम को साइंटिफि‍क कसौटी पर खरा साबित करने के लिए रोगी के दस्‍तावेजों को सबूत के तौर पर रखना होगा। उन्‍होंने कहा कि सिर्फ रोगी के कथन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सबूत नहीं माना जा सकता है। डॉ गुप्‍ता ने कहा कि यह सलाह मैं किताबी ज्ञान से नहीं बल्कि अपने अनुभव के आधार पर दे रहा हूं। ज्ञात हो डॉ गुप्‍ता के रिसर्च वर्क का सफर उनकी होम्‍योपैथी शिक्षा के दौरान ही प्रारम्‍भ हो गया था। अब तक विभिन्‍न प्रकार के स्‍त्री रोगों, त्‍वचा रोगों, मानसिक रोगों के साथ ही पौधों, खाद्य पदार्थों पर सरकारी प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं में एक्‍सपेरिमेंटल रिसर्च कर डॉ गुप्‍ता देश ही नहीं विदेशों में भी अपने कार्य का लोहा मनवा चुके हैं।

उन्‍होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक रोगी उनके पास किडनी में पथरी की शिकायत लेकर आया, मैंने उसका अल्‍ट्रासाउंड कराया तो पथरी होने की पुष्टि हुई, उसका उपचार शुरू किया गया, कुछ दिन बाद आकर रोगी ने कहा कि उसकी पथरी निकल गयी, उसने एक पत्‍थर दिखाते हुए कहा कि यह पेशाब में निकला है। मैंने उससे कहा कि एक अल्‍ट्रासाउंड करा लीजिये तो मरीज का कहना था कि मुझे अब आराम है, मैं कह रहा हूं तो इसकी क्‍या आवश्‍यकता है, इस पर मैंने उस रोगी को अल्‍ट्रासाउंड जांच का शुल्‍क देते हुए उससे जांच कराने को कहा, उसने जांच करायी तो अल्‍ट्रासाउंड रिपोर्ट में देखा कि पथरी नहीं थी, यह एक वैज्ञानिक सबूत हुआ कि उपचार से पूर्व अल्‍ट्रासाउंड रिपोर्ट में जो पथरी दिख रही थी, वह अब नहीं है।

उन्‍होंने कहा कि इस तरह डॉक्‍यूमेंटेशन करने के बाद इन्‍हें प्रतिष्ठित जर्नल में छपवाने के लिए भी आवेदन करें, इसका लाभ यह होगा कि आपके कार्य को राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मान्‍यता मिलेगी, साथ ही चूंकि जर्नल में छपने की इस प्रक्रिया के लिए आपके दावे के दस्‍तावेजों को दूसरे विशेषज्ञों द्वारा अनेक प्रकार की कसौटी पर परखा जायेगा, जिसके बाद आपकी उपलब्धियों का वह दस्‍तावेज 24 कैरेट सोने जैसा खरा बन चुका होगा।

साइंटिफि‍क सेशन में लखनऊ के डॉ निशांत श्रीवास्‍तव, बड़ौदा की डॉ हेमा मिहिर पारीख, लखनऊ के डॉ पंकज श्रीवास्‍तव, कोलकाता के डॉ आलोक मिश्रा तथा डॉ ब्रजेन्‍द्र सिंह ने प्रेजेन्‍टेशन दिये। इनके अलावा वायरल बीमारियों पर डॉ अखिलेश सिंह, मानसिक बीमारियों पर डॉ अमिताभ सिन्हा, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर डॉ एस पी सिंह, ब्रेस्ट टयूमर, यूट्राइन ट्यूमर और पाइल्स पर डॉ डीके मिश्रा ने जानकारी दी। समारोह में जीएसटी के संयुक्त आयुक्त आरपी मल्ल, डॉ प्रभाकर मूर्ति, जस्टिस शेखर कुमार यादव, डॉ राजीव रतन राज, डॉ प्रमोद गुप्ता, डॉ रोहित गोपाल सहित अनेक चिकित्सक शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.