-पारम्परिक नहीं, पौष्टिक प्रसाद गुड़-चना का उपयोग करें : महंत देव्यागिरी
-परिवार नियोजन के लिए जागरूक करेंगे समुदाय को : मौलाना सूफियान निजामी
– मंदिर की तरह ही रखना होगा शरीर को साफ : फादर पास्टर अमरजीत
-हम एकसाथ मिलकर लड़ सकते हैं बीमारी से : ज्ञानी

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। सरकार द्वारा चलायी जा रहीं स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ हर आम और खास तक पहुंचाने के साथ ही परिवार नियोजन जैसे ज्वलंत विषय पर सभी समुदाय के धर्मगुरुओं ने अपने सहयोग का आश्वासन दिया है। हिन्दू धर्मगुरु ने पारम्परिक प्रसाद के स्थान पर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण के मद्देनजर पौष्टिक प्रसाद पर जोर दिया वहीं मुस्लिम धर्मगुरु ने भी परिवार नियोजन पर सहमति जतायी है। क्रिश्चियन धर्मगुरु ने कर्मगुरु बनने तथा मंदिर की तरह शरीर को साफ रखने पर तथा सिख गुरु ने सबको एकसाथ मिलकर स्वास्थ्य का ध्यान रखने पर जोर दिया है।
मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में बुधवार को आयोजित धर्मगुरुओं के सम्मेलन में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों व योजनाओं को सफल बनाने में धर्मगुरुओं का अहम योगदान है। उन्होने धर्मगुरुओं से अपील की कि वे अपने नमाज, तकरीर, प्रार्थना व प्रवचन में एनीमिया की गिरफ्त में आने के कारण, उससे होने वाले नुकसान, बचाव के उपायों के साथ ही गर्भवती महिलाओं व दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को टीका लगवाने के लिए समुदाय के लोगों को प्रेरित करें। एनीमिया एवं टीकाकरण के प्रति फैली भ्रान्तियों को दूर करने के लिए बैठकें करें। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्रियों को अपने समुदाय की बैठकों में वितरित तथा प्रचारित/ प्रसारित करें। इसके साथ ही समुदाय में लोगों को परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों को अपनाने के लिये जागरूक करें क्योंकि परिवार कल्याण तभी सम्भव होगा जब परिवार नियोजित होगा।
इस अवसर पर विधायक व क्रिश्चियन कॉलेज के शिक्षक डॉ. डेनजिल जे. गोडिन ने कहा – हम धर्मगुरुओं के साथ–साथ समाज के सभी लोगों की यह जिम्मेदारी है कि अपने साथ-साथ आस-पास के लोगों को जागरुक करें। धर्मगुरु के साथ कर्मगुरु बनकर लक्ष्य को प्राप्त करना है।

बैठक मेँ फादर पास्टर अमरजीत ने कहा- हमारा शरीर मंदिर के समान है जिस तरह हम मंदिर को साफ रखते हैं उसी तरह हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखना है। हमारा समाज तभी स्वस्थ रह सकता है जब इसमें रहने वाले लोग स्वस्थ होंगे। अतः हम सभी को समुदाय व समाज के विकास में पूरा सहयोग करना है |
इस मौके पर दारूल उलूम फरंगी महल के मौलाना सूफियान निजामी ने कहा हम विभाग का पूरी तरह से सहयोग करेंगे, जिस तरह से देश को पोलियो से मुक्त किया है उसी तरह देश को एनीमिया से मुक्त करेंगे तथा परिवार नियोजन व टीकाकरण में भी समुदाय को जागरूक करेंगे ।
बैठक में ईदगाह इस्लामिक सेंटर के इमाम मौलाना मोहम्मद मुश्ताक़ ने कहा कि विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। कुछ लोग अज्ञानतावश, जागरूकता के अभाव में इन कार्यक्रमों का लाभ नहीं ले पाते हैं। हम अपनी तकरीरों व नमाज के माध्यम से समुदाय को सही संदेश पहुंचाएंगे व उन्हें जागरूक करेंगे।
मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरी ने कहा – किशोरियों के साथ- साथ किशोरों की भी अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। धर्मस्थलों पर सभी आयु वर्ग के लोग आते हैं। सभी धर्मस्थलों को अपने पारम्परिक प्रसाद के स्थान पर पौष्टिक प्रसाद जैसे चना-गुड़ का उपयोग करना चाहिये क्योंकि यह आयरन से भरपूर होता है।
यहियागंज गुरुद्वारा के ज्ञानी जी ने कहा-हम एक साथ मिलकर ही एनीमिया, कुपोषण, जानलेवा बीमारियों से लड़ सकते हैं। इन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि जागरूकता से ही इन बीमारियों से बचा जा सकता है |
इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा एम.के.सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डा.बी.के.सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अजय राजा, डा.ए.के.दीक्षित, डा. ए.के.चौधरी, डा. अनूप कुमार श्रीवास्तव, जिला स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, डॉ आर.बी.सिंह, डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर के मैनेजर गौरव सक्सेना, विश्व स्वास्थ्य संगठन से सर्विलेन्स मेडिकल ऑफिसर डा. सुरभि वर्मा, यूनिसेफ के रीजनल को-आर्डिनेटर संदीप शाही, डिस्ट्रिक्ट मोबिलाइज़ेशन को-आर्डिनेटर सौरभ अग्रवाल और पापुलेशन सर्विस इन्टरनेशनल (पीएसआई ) से अमरिंदर कोहली उपस्थित थे।

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