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बलरामपुर अस्‍पताल में हुआ क्वाड्रीप्लीजिया के शिकार मरीज का जटिल ऑपरेशन

छत से गिरने से टूट गयी थीं गरदन की दो हड्डियांं

लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ऋषि सक्सेना ने एक बार फिर एक जटिल केस की सफल सर्जरी की है। इसमें गिरने की वजह से 18 वर्षीय युवक की गर्दन की C5 व C6 हड्डियों में फैक्चर हो गया था जिसकी वजह से उसे क्वाड्रीप्लीजिया यानी गर्दन के नीचे पूरे शरीर में पैरालिसिस हो गया था इस केस को को केजीएमयू से बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया था।

बुधवार को बलरामपुर अस्पताल में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में सर्जरी करने वाले डॉ ऋषि सक्सेना ने पत्रकारों को बताया कि बरेली का रहने वाला 18 वर्षीय काशिद बीती 16 अप्रैल को यहां कानपुर रोड स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज में निर्माण कार्य के दौरान छत से नीचे गिर गया था। उन्होंने बताया घटना के बाद मरीज 2 दिन वही भर्ती रहा रहा इसके बाद उसे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।

डॉ सक्सेना ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर से मरीज को बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस तरह से 18 अप्रैल को मरीज को डॉक्टर मोहम्मद नासिर की देखरेख में बलरामपुर अस्‍पताल में भर्ती कर लिया गया। डॉ सक्सेना ने बताया कि इसके अगले दिन 19 अप्रैल को मरीज को उनके इलाज में दे दिया गया।

उन्‍होंने बताया कि उनके सामने एक बड़ी चुनौती थी, ऐसे में निदेशक डॉ राजीव लोचन ने उनका उत्‍साह बढ़ाते हुए सर्जरी के लिए प्रेरित किया। उन्‍होंने बताया कि उन्‍होंने 29 अप्रैल को क्रचफील्‍ड टॉन्‍ग का इस्‍तेमाल करते हुए उसकी पहली सर्जरी की। उन्‍होंने बताया कि इसके बाद मैंने टाइटेनियम सी केज, टाइटेनियम केज एंड बोन ग्राफ्ट फिक्सेशन व टाइटेनियम एच प्‍लेटिंग के साथ एनटीरियर सरवाइकल कॉर्पैक्टॉमी का दूसरा ऑपरेशन किया।

डॉ सक्‍सेना ने बताया कि दो हफ्ते बाद ही मरीज को लाभ होना शुरू हो गया था, और अब स्थिति यह है यह अपना मोबाइल खुद चला लेता है तथा खाना भी खुद ही खा लेता है। यही नहीं वह अपने अंग को खुद चला रहा है और बहुत खुश महसूस कर रहा है। इस सर्जरी में डॉ ऋषि सक्‍सेना के साथ एनेस्‍थीसिया के डॉ सुनील यादव, डॉ एमपी सिंह, डज्ञॅ एनएच सिद्दीकी, डॉ एसए मिर्जा भी शामिल रहे।