Wednesday , September 17 2025

एक मुलाकात

बहरापन ही नहीं, अन्य रोग भी दे रहा ध्वनि प्रदूषण

लखनऊ। ध्वनि प्रदूषण से सिर्फ बहरापन ही नहीं मानसिक तनाव सहित कई अन्य शारीरिक परेशानियां भी हो रही हैं। हमारा प्रयास है कि लोगों को ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए वृहद स्तर पर जागरूक किये जाने की आवश्यकता है। चूंकि कोई चाहे या न चाहे, ध्वनि प्रदूषण सभी को प्रभावित …

Read More »

अधिक बच्चे पैदा करना मतलब गॉल ब्लैडर में स्टोन को दावत

लखनऊ। ज्यादा बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं में पित्त की थैली की पथरी होने की सम्भावना ज्यादा रहती है, यहीं नहीं जो महिलाएं सप्ताह में 40 घंटे से ज्यादा टेलीविजन देखती हैं उन्हें भी गॉल ब्लैडर में स्टोन की प्रॉब्लम होने की संभावना ज्यादा होती है। यह महत्वपूर्ण जानकारी …

Read More »

गर्मियों में अधिक होती है गुर्दे की पथरी की संभावना

लखनऊ। वैज्ञानिक शोध में यह पाया गया है कि गर्मियों में मूत्र तंत्र की पथरी अथवा पथरी के कणों के बनने की संभावना अन्य मौसम की अपेक्षा ज्यादा होती है, क्योंकि गर्मी के मौसम में हमारे शरीर से पसीना निकलता है तथा शरीर से न दिखने वाली भाप द्वारा भी …

Read More »

कुछ चीजें बढ़ाती तो कुछ चीजें घटाती हैं गुर्दे में पथरी की संभावना

लखनऊ। क्या आप जानते हैं कि हमारे खान-पान का गुर्दे की पथरी से सीधा सम्बन्ध है, गुर्दे में पथरी होने की संभावना बढ़ाने में जहां कु़छ खाद्य पदार्थ सहायक होते हैं वहीं कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ हैं जो पथरी की संभावना कम करने में सहायक होते हैं। यह कहना …

Read More »

पीडियाट्रीशियन हैं, पीडियाट्रिक सर्जन हैं तो पीडियाट्रिक ऐनेस्थिसियोलॉजिस्ट क्यों नहीं?

लखनऊ। अगर बड़ों के इलाज के लिए फिजीशियन, बच्चों के इलाज के लिए , पीडियाट्रीशियन, बड़ों की सर्जरी के लिए सर्जन, बच्चों की सर्जरी के लिए पीडियाट्रिक सर्जन लेकिन सर्जरी में अहम भूृमिका निभाने वाले ऐनेस्थिसियोलॉजिस्ट यानी बेहोशी वाले चिकित्सक बड़ों की सर्जरी में भी वही, बच्चों की सर्जरी में …

Read More »

कीटनाशक से कीटों का नाश करें, शरीर का नहीं

स्नेहलता लखनऊ। क्या आप जानते हैं कि हम जिस गेहूं के आटे की रोटी खा रहे हैं वह ठीक से धोकर पिसाया गया है? यदि नहीं तो बेहतर होगा कि यह कार्य आप स्वयं कर लें, गेहूं को करीब दो घंटे भिगोकर रखने के बाद उसे धोकर सुखा लें तभी …

Read More »

अनुसंधानित आयुर्वेदिक दवाओं से किया ब्लड कैंसर को बाय-बाय

स्नेह लता लखनऊ। कैंसर नाम की बीमारी का पता चलते ही रोगी से लेकर परिजनों तक के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच जाती हैं। ऐसा होना स्वाभाविक भी है क्योंकि व्यक्ति सोचता है कि कैंसर की बीमारी का मतलब मौत करीब है। एक आंकड़े के मुताबिक साल भर में …

Read More »

सस्ती आयुष चिकित्सा पद्धतियां क्यों नहीं बनतीं चुनावी मुद्दा

लखनऊ। राजनीतिक दलों के लिए  ऐलोपैथी के मुकाबले सस्ती आयुष चिकित्सा पद्धतियां चुनाव का मुद्दा नहीं बन पाती हैं जबकि यदि इन पद्धतियों पर सरकारों द्वारा ध्यान दे दिया जाये तो आम आदमी को इलाज मिलने में काफी सुविधा हो जायेगी क्योंकि सरकार द्वारा दी जा रही ऐलोपैथी चिकित्सा सभी …

Read More »