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वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किये होम्योपैथिक इलाज से ठीक हुए स्त्रियों के जटिल रोगों के केस

-जयपुर में आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस में डॉ गिरीश गुप्ता ने दिया महत्वपूर्ण व्याख्यान

-डॉ निशांत श्रीवास्तव ने बताया किस तरह ठीक हुए विभिन्न त्वचा रोगों के मरीज

सेहत टाइम्स

लखनऊ। होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (HMAI) के 23वें ऑल इंडिया होम्योपैथिक सेमिनार का आयोजन 28 और 29 दिसंबर को जयपुर स्थित झालाना में राजस्थान इंटरनेशनल केंद्र में किया गया। सेमिनार का शीर्षक ‘होप हेल्थ होम्योपैथी 2024’ था। इस सम्मेलन में देशभर से करीब 500 चिकित्सकों ने भाग लिया।

सेमिनार में लखनऊ से गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च के संस्थापक वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ गिरीश गुप्ता एवं डॉ निशांत श्रीवास्तव ने भी हिस्सा लिया। डॉ गिरीश गुप्ता ने स्त्री रोगों के इलाज में होम्योपैथिक की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में अपनी प्रस्तुति दी, जबकि डॉ निशांत श्रीवास्तव ने त्वचा रोगों के होम्योपैथी से सफल इलाज के बारे में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।

डॉ गिरीश गुप्ता ने अपने प्रेजेन्टेशन में बताया कि स्त्रियों के ऐसे अनेक रोग, जिनका आधुनिक चिकित्सा पद्धति में इलाज सर्जरी बताया जाता है, को सिर्फ होम्योपैथिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है। इस संबंध में उन्होंने साक्ष्य आधारित अपनी रिसर्च के कुछ मॉडल केसेस को भी प्रस्तुत किया।

उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अब तक जिन स्त्री रोगों को सिर्फ होम्योपैथिक दवाओं से ठीक किया गया है, उनमें यूट्राइन फायब्रॉयड, ओवेरियन सिस्‍ट, पॉलिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, ब्रेस्‍ट लीजन्‍स, नेबोथियन सिस्‍ट, सर्वाइ‍कल पॉलिप जैसे रोग शामिल हैं। उन्होंने सेमिनार में स्लाइड के माध्यम से ओवेरियन सिस्ट, ब्रेस्‍ट लीजन्‍स और पॉलिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के मॉडल केसेज को प्रस्तुत किया।

ज्ञात हो स्‍त्री रोगों के होम्‍योपैथिक दवाओं से साक्ष्य आधारित उपचार पर डॉ गुप्ता ने एक पुस्तक एवीडेंस बेस्‍ड रिसर्च ऑफ होम्‍योपैथी इन गाइनीकोलॉजी (Evidence-based Research of Homoeopathy in Gynaecology) लिखी है, इसमें ऐसे ही स्त्री रोगों के साक्ष्य सहित केसेज प्रस्तुत किये गये हैं, इन केेसेज पर की गयी स्टडी का प्रकाशन प्रतिष्ठित जर्नल्स में हो चुका है। सेमिनार में डॉ निशांत श्रीवास्तव ने विटिलिगो, सोरियासिस और एलोपेशिया आदि के केस प्रस्तुत किए।

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