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केवल मैसेज देखकर नहीं, डॉक्टर से सलाह लेकर खरीदें होम्योपैथिक दवाएं

– चिकित्सक की सलाह के बिना न लें होम्योपैथिक दवाएं

-होम्योपैथिक चिकित्सकों ने कहा, लक्षण और रोग की स्टेज के अनुसार अलग होती हैं दवाएं

– सोशल मीडिया पर दवाओं के नाम वायरल,  लोगों में लगी खरीदने की होड़

सेहत टाइम्स ब्यूरो

लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर के कहर से इन दिनों सभी लोग बहुत चिंतित हैं हालात यह है की जहां जिसने जो भी वायरस सोशल मीडिया पर अनेक प्रकार के नुस्खे और दवाइयों का की सलाह दी जा रही है क्योंकि लोग परेशान ज्यादा है इसलिए तुरंत ही उस पर अमल करना शुरू कर देते हैं।
यही नहीं अनेक बार नामी-गिरामी हस्तियों की ओर से भी सलाह देने वाले मैसेज दिखाई दे जाते हैं जबकि जब असलियत में खोजा जाता है तो पता चलता है यह मैसेज उस डॉक्टर का नहीं है उसकी ओर से किसी दूसरे ने अपने मन से डाल दिया है।

इस समय सोशल मीडिया पर कई होम्योपैथिक दवाओं के नाम वायरल हो रहे हैं जिनमें अलग-अलग प्रकार के दावे किए जा रहे हैं।  क्योंकि इस समय ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा सर्वाधिक महत्वपूर्ण चल रहा है ऐसी स्थिति में होम्योपैथिक इस तरह के मैसेज वायरल होने के बाद नतीजा यह हुआ कि बाजार से इन दवाओं के गायब होने की खबरें आने लगीं।

इस विषय को लेकर सेहत टाइम्स ने गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च के संस्थापक वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ गिरीश गुप्ता और केंद्रीय होम्योपैथी परिषद क़े पूर्व सदस्य डॉ अनुरुद्व वर्मा से बात की।  डॉक्टर गिरीश गुप्ता और डॉ अनुरुद्व वर्मा दोनों का ही कहना था कि होम्योपैथिक दवाओं को बिना किसी चिकित्सक की सलाह के नहीं लेना चाहिए।

डॉ गिरीश गुप्ता


डॉ गिरीश गुप्ता ने बताया उदाहरण के लिए Aspidospermam और Vanadium दवाएं दोनों को शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन फर्क यह है कि
Aspidospermam को कोविड में होने वाले निमोनिया में दिया जाता है जिसमें ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगता है क्योकि लंग्स में पानी और म्यूकस जमा होने लगता है जिससे लंग्स में ऑक्सीजन जाने में अवरोध उत्पन्न होता है। यह दवा जमे हुए म्यूकस को हटाने का काम करती है। इसी प्रकार Vanadium ऑक्सीजन के ब्लड में  अवरोध होने की स्थिति को ठीक करती है, यानी ऑक्सीजन लंग्स में जा रही है लेकिन ब्लड उसे शरीर में सर्कुलेट नहीं कर पा रहा है। कहने का तात्पर्य यह है कि अलग अलग स्टेज पर अलग अलग दवाएं दी जाती हैं, इसलिए कौन सी दवा कब देनी है इसके बारे में चिकित्सक से ही सलाह लेना आवश्यक है।

डॉ गिरीश गुप्ता ने कहा अनावश्यक रूप से दवाओं को खरीद कर न रखें क्योंकि हो सकता है आपको उसकी जरूरत न हो लेकिन कोई जरूरतमंद बाजार में दवा न मिलने से उसे खरीदने से महरूम रह सकता है।

डॉ अनुरुद्व वर्मा

इस विषय में डॉ अनुरुद्व वर्मा ने जनता से कोरोना काल में अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिये होम्योपैथिक दवाइयाँ केवल प्रशिक्षित चिंकित्सकों की सलाह से ही लेने की अपील की है।

उन्होंने कहा है कि आजकल यू ट्यूब, फेस बुक, व्हाट्सएप पर इस समय होने वाले रोगों के उपचार की अनेक होम्योपैथिक दवाइयाँ वायरल हो रही हैं तथा उन्हें प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है। उन्होंने बताया कि  कोरोना संक्रमण के समय में उत्पन्न डर एवँ दहशत में जनता बिना चिंकित्सकों की सलाह के स्वयं दवाइयाँ ले रही हैं जो उचित तरीका नहीं है इससे  लाभ के बजाय नुकसान भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी में हर व्यक्ति के  के लक्षणों के आधार पर चिकित्सक द्वारा रोगी की उम्र, रोग की दशा, रोग की गंभीरता, जांच आदि को दृष्टिगत रखते हुये अलग -अलग औषधि एवँ उसकी खुराक, पोटेंसी एवँ रेपीटेशन का निर्धारण किया जाता है इसलिये होम्योपैथी में  सबके लिए एक ही स्वास्थ्य समस्या के लिये एक ही सामान्य औषधि संभव नहीं है।

उन्होंने बताया कि होम्योपैथी में कोरोना संक्रमण के दौरान रोगियों के लिये प्रभावकारी औधाधियाँ उपलब्ध है परंतु उनका पूरा लाभ चिकित्सक द्वारा रोगी के लक्षणों के आधार पर चयनित औषधि  का  प्रयोग कर ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से विभिन्न माध्यमों से होम्योपैथिक दवाईयों के प्रचार से लोगों के मन मे  होम्योपैथी के प्रति अनेक भ्रांतियाँ उत्पन्न हो रही है।

उन्होंने जनता से कोरोना काल मे अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए चिंकित्सकों की सलाह से सरल, कम ख़र्चीली, दुष्परिणाम राहित, सम्पूर्ण निरोग प्रदान करने वाली होम्योपैथिक औषधियों के प्रयोग की अपील की है।