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सूर्योदय से पूर्व तारों की छांव में चलायें साइकिल तो पास नहीं फटकेगा डिप्रेशन

-विश्व आत्महत्या निवारण दिवस (10 सितम्‍बर) पर डॉ नौसरान का संदेश

मेरठ/लखनऊ। अगर आप सूर्योदय से पूर्व तारों की छांव में रोजाना सुबह साइकिल चलाते हैं तो आपको कभी अवसाद नहीं होगा, आप कभी आत्‍महत्‍या के बारे में नहीं सोचेंगे।

यह कहना है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मेरठ इकाई के सचिव व पैथोलॉजिस्‍ट डॉ अनिल नौसरान का। डॉ नौसरान ने यह बात विश्‍व आत्‍महत्‍या निवारण दिवस (10 सितम्‍बर) के मौके पर अपने एक संदेश में कही है। ज्ञात हो डॉ नौसरान समय-समय पर लोगों में जागरूकता संदेश देते रहते हैं, जागरूकता संदेश देने के लिए यह रोजाना सुबह करीब 50 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं।

इन छह को बनाइये मित्र, कभी नहीं पड़ेंगे बीमार

डॉ नौसरान का कहना है कि विश्व के 6 बड़े नामी चिकित्सक हैं जिसमें नंबर 1 दोस्त, नंबर दो सूर्य का प्रकाश, नंबर 3 आत्मविश्वास, नंबर 4 आराम, नंबर 5 व्यायाम और नंबर 6 डाइट। इन छह डॉक्टर्स के साथ अगर कोई व्‍यक्ति दोस्ती कर लेता है तो वह कभी डिप्रेस्‍ड नहीं होगा, कभी आत्‍महत्‍या की नहीं सोचेगा, कभी बीमार नहीं पड़ेगा।

मेरठ से कोलकाता, मेरठ से मुम्‍बई की यात्रा भी की है साइकिल से

डॉ नौसरान ने दो बड़ी साइकिल यात्राएं मेरठ से कोलकाता और मेरठ से मुम्‍बई कर चुके हैं, इनमें 2019 में 30 अगस्‍त को मेरठ से चलकर 5-6 सितम्‍बर की रात एक बजे कोलकाता पहुंचे थे, जबकि 2020 में 14 मार्च को मेरठ से चलकर 20 मार्च को मुम्‍बई पहुंचे थे। डॉ नौसरान अब तक मेरठ से शिमला, नैनीताल, मसूरी, जयपुर, प्रयागराज, अयोध्‍या, ब्रजभूमि आदि जगहों की साइकिल यात्रा कर चुके हैं।

डॉ नौसरान ने कहा कि प्रतिवर्ष 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है विश्व में हर 40 सेकेंड में एक आत्महत्या होती है और प्रतिदिन 3000 आत्महत्या होती हैं, 1 वर्ष में लगभग 1 मिलियन के करीब आत्महत्या की घटनायें हो जाती हैं और इस आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण है अवसाद।

दूसरों के जीवन की गति न देखें अपने जीवन का लें आनंद

वह बताते हैं कि अवसाद का सबसे बड़ा अटैक सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच में आता है जो लोग सुबह 4 बजे बिस्तर छोड़ देते हैं उनको कभी अवसाद नहीं हो सकता है और वह कभी जीवन में आत्महत्या की सोच नहीं सकते हैं। डॉ नौसरान का कहना है कि जीवन को वर्तमान में जिओ। दूसरों के जीवन की गति को न देख कर अपने जीवन की गति का आनंद लें। इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति विशेष है और भिन्न प्रकार की विशेषता के साथ पैदा हुआ है अपनी विशेषता को पहचाने और उसी के अनुरूप काम करें।