-एसजीपीजीआई, केजीएमयू के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ ही अन्य क्षेत्रों के लोगों ने चुना सेवा का मंच
-‘आलम्बन एसोसिएट्स चैरिटेबल ट्रस्ट’ के उद्देश्य पत्र का राज्यपाल ने किया विमोचन

सेहत टाइम्स
लखनऊ। अंगदान समय की आवश्यकता है तथा यह मानव-सेवा की दिशा में उठाया हुआ एक महत्वपूर्ण कदम है, इस ध्येय के साथ स्थापित संस्था ‘आलम्बन एसोसिएट्स चैरिटेबल ट्रस्ट’ के सदस्यों ने 20 नवम्बर को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की जिन्होंने संस्था के उद्देश्य-पत्र का विमोचन किया तथा इसके कार्यकलापों का औपचारिक तौर से उद्घाटन किया। राज्यपाल ने संस्था के सदस्यों से इसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी ली जो कि अंगदान के क्षेत्र में समाज में जागरूकता फ़ैलाने तथा कैडेवर ऑर्गन डोनेशन के लिए लोगों को प्रेरित कर रही हैं।

यह जानकारी देते हुए जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश में हर साल लगभग 2 लाख लोग किडनी की विफलता के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं, जबकि इसके विपरीत, पिछले वर्ष में केवल 11,423 लोग ही किडनी प्रत्यारोपण के माध्यम से जीवन की नई उम्मीद पा सके जिनमें से 9,834 दानकर्ता परिवार के सदस्य थे। इसी तरह, हर वर्ष लगभग 2 लाख लोग लिवर-फेल्योर से पीड़ित होते हैं, लेकिन प्रत्यारोपण के जरिए सिर्फ साढ़े तीन से चार हज़ार लोगों को ही नया जीवन प्राप्त हो पाता है और दानकर्ताओं में अधिकतर संख्या परिवार के सदस्यों की ही होती है। लगभग यही हाल अन्य अंग-फेलियर के मरीजों का भी है। अंगदान से जुड़ी इस दिशा में प्रगति बहुत धीमी रही है, और हमारे देश में अंगदान करने वालों की संख्या 2014 में केवल 6,916 थी, जो 2022 में बढ़कर 16,041 हो पाई है। हमारे प्रदेश में अंगदान की यह संख्या और भी ज्यादा शोचनीय है जबकि अंग प्राप्तकर्ताओं की संख्या बहुत बड़ी है। आलम्बन ट्रस्ट के सदस्य इस क्षेत्र में कार्य करके लोगों में जागरूकता फ़ैलाने तथा कैडेवर अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित करने के कार्य में प्रयासरत हैं।
संस्था का दूसरा कार्यक्षेत्र किशोरवय तथा युवा महिलाओं के स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं के बारे में तथा उनकी स्वास्थ्य समस्याओं एवं उनके निराकरण के लिए समाज में लोगों को शिक्षित करना तथा उनमें जागरूकता फैलाना है। किशोरवय महिलाओं को एनीमिया, यौन स्वास्थ्य, कुपोषण और मानसिक स्वास्थ्य जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं के कारण उनके शारीरिक और मानसिक विकास में रुकावट आती है। इसके अलावा, युवा लड़कियों में आयरन की कमी, स्वच्छता, रोजगार से संबंधित कौशल, और परिवार कल्याण के बारे में जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है। महिलाओं और युवतियों की इन सब जरूरतों को समझते हुए उनके स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए आलम्बन ट्रस्ट के सदस्यगण सक्रिय और सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं।
संस्था के कुछ सदस्य पहले से ही अंगदान के क्षेत्र में गुजरात में सक्रिय रहे हैं तथा अपने योगदान द्वारा सैकड़ो लोगों को नयी जिंदगियां देने में सफल भी रहे हैं. वहीं से प्रेरणा लेकर यह संस्था स्थापित की गयी है क्योंकि उत्तर भारत, विशेषकर हमारे प्रदेश-उत्तर प्रदेश में इस क्षेत्र में लोगों के बीच बहुत कम जागरूकता है जबकि इसकी आवश्यकता बहुत ज्यादा है।
राज्यपाल ने संस्था के सदस्यों को आशीर्वचन देकर इस क्षेत्र में अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित करते हुए इस सम्बन्ध में कार्ययोजना भी देते हुए सुझाव दिए कि सोशल मीडिया के द्वारा तथा छोटी-छोटी क्लिप्स बना कर अंगदान के बारे में जागरूकता फैलाई जाए, बड़े अस्पतालों तथा चिकित्सा संस्थानों में संपर्क करके उनका सहयोग लिया जाए, अंगदानदाता तथा अंगप्राप्तकर्ता, दोनों को बुलाकर इस बारे में समाज में सन्देश प्रेषित किया जाय कि अंगदान से कोई नुक्सान नहीं है बल्कि इससे जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अंगदाताओं को उचित तौर पर सम्मानित किया जाय ताकि समाज में लोगो को प्रेरणा मिल सके।
संस्था के सदस्यों में मुख्य रूप से संदीप कुमार, मुख्य आयकर आयुक्त (से.नि.), डॉ. नारायण प्रसाद, अध्यक्ष, नेफ्रोलॉजी विभाग, एसजीपीजीआई, लखनऊ, डॉ. सुजाता देव, प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्रीरोग विभाग, केजीएमयू, डॉ. नरेंद्र देव, कंसल्टेंट फिजिशियन, राज-भवन, डॉ. संतोष कुमार, प्रोफेसर, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, केजीएमयू, डॉ. पुष्प लता संखवार, प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्रीरोग विभाग, के जी एम् यू, डॉ. आर. के. दीवान, प्रोफेसर, एनोटॉमी विभाग, के जी एम् यू, महेंद्र कुमार सत्या, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कमल बाजपेई आयकर अधिकारी, एस के शर्मा, अपर आयुक्त आयकर, संतोष कुमार, अटल बिहारी बाजपेई विश्वविद्यालय, फैजल खान, एमएसडब्ल्यू, के.जी.एम्.यू, लखनऊ शामिल हैं

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times