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जमीन के तीन फीट नीचे की मिट्टी के शरीर पर लेपन से त्वचा सहित अनेक रोगों में होता है लाभ

-वैदिक योग-प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में सर्वांग मिट्टी चिकित्सा का कार्यक्रम संपन्न

-राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस (18 नवम्बर) के पूर्वदिवस पर आयोजित हुआ कार्यक्रम

सेहत टाइम्स

लखनऊ। राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस (18 नवम्बर) के पूर्वदिवस पर आज 17 नवम्बर को वैदिक योग-प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान इंदिरा नगर लखनऊ में नि:शुल्क मिट्टी चिकित्सा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्वास्थ्यार्थी गणों ने मिट्टी चिकित्सा का लाभ प्राप्त किया, मिट्टी चिकित्सा के संदर्भ में प्राकृतिक चिकित्सा विभाग विवेकानंद आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि मिट्टी चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की अभिन्न उपचार विधि है, शरीर में सर्वांग मिट्टी के लेप से विजातीय द्रव्यों का निष्कासन होता है, मांसपेशियां टोंड होती हैं, त्वचा में झुर्रियां नहीं पड़ने पाती, त्वचा रोग खाज, खुजली, एग्जिमा एवं सोरायसिस जैसी बीमारियां दूर होती हैं, शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से काम करने लगते हैं।

बलरामपुर चिकित्सालय के वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सक एवं योग विशेषज्ञ डॉ. नन्दलाल यादव ने बताया कि एडोल्फ जुस्ट की पुस्तक रिटर्न टू नेचर का विशेष अध्ययन कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपना वर्षों पुराना पेट रोग कब्ज से छुटकारा पाया तथा उन्होंने अपने आश्रम के बहुत सारे लोगों को मिट्टी चिकित्सा से आरोग्य प्रदान किया, प्राकृतिक चिकित्सा की विशेषता को देखते हुए महात्मागांधी ने निसर्गोउपचार केंद्र उरलीकांचन पुणे की स्थापना करवाई, जो आज भी लगभग 200 बेड का इंडोर प्राकृतिक चिकित्सालय संचालित है। जहां देश-विदेश से आए सैकड़ों रोगी प्रतिमाह लाभान्वित होते हैं। शरीर शोधन की दृष्टि से वर्ष में एक से 2 बार, 10 दिन प्राकृतिक चिकित्सा का इलाज लेने से शरीर पूर्णतया शोधित हो जाता है, रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, व्यक्ति हमेशा प्रसन्नचित एवं स्वस्थ बना रहता है।

वरिष्ठ महिला प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. नीलम यादव ने बताया कि मिट्टी चिकित्सा से शरीर व पसीने की दुर्गंध दूर होती है, चेहरे में ग्लो आता है महिलाओं को नेचुरल ब्यूटी के लिए चेहरे का तथा फुल बॉडी का मिट्टीलेप करना चाहिए।

चिकित्सा में प्रयोग की जाने वाली मिट्टी

डॉ. नीलम ने बताया की खेती योग्य साफ सुथरी मिट्टी जो कंकर पत्थर रहित हो जमीन से 3 फीट नीचे की होनी चाहिए उसमें किसी तरह की मिलावट कंकड़ पत्थर या रासायनिक खाद आदि नहीं होनी चाहिए। प्रयोग में लाने से पूर्व मिट्टी को साफ करके धूप में अच्छी तरह सुखाकर एक दिन पूर्व आवश्यकता अनुसार भिगोकर रखें प्रातः काल आवश्यकता अनुसार सर्वांग मिट्टी लेपन करें 45 मिनट पश्चात स्वच्छ पानी से स्नान कर लें, देखेंगे कि शरीर हल्का एवं ताजगी से भरपूर हो जायेगा।
महिलाएं अपनी नेचुरल ब्यूटी लाने के लिए चेहरे पर भी इसका लेपन करके अपने को सुंदर बन सकती हैं।
मिट्टी चिकित्सा के इस कार्यक्रम में हरीश सुरतानी, दयाराम मोर्य, शिवम वर्मा, जनार्दन यादव, डॉक्टर दिनेश कुमार, एडवोकेट विवेक पांडे, आशीष, चंदन कुमार, शिशिर सिंह, मोहम्मद उमर, अनुराग, पार्थ एवं सार्थक आदि ने प्रतिभाग किया।

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