-विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। जब भी किसी व्यक्ति के मन में आत्महत्या के विचार आते हैं तो इसके बारे मेंं वह बात करता है या फिर आत्महत्या का संकेत देता है। उस समय उसे काउंसलिंग की आवश्यकता होती है, समय पर काउंसलिंग होने से व्यक्ति को आत्महत्या करने से बचाया जा सकता है।
यह बात राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के मौके पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा.बी.एन.यादव के मार्गदर्शन में मंगलवार को आयोजित जागरूकता कार्यशाला में कही गयी। बलरामपुर अस्पताल सभागार में आयोजित कार्यशाला में मनोचिकित्सक व नैदानिक मनोवैज्ञानिक के द्वारा आत्महत्या के कारणों एवं उनसे बचाव के उपायों के विषय में चर्चा की गई।
इस कार्यशाला में जनपद के विद्यालय के नामित प्रधानाचार्य व शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. अभय ने बताया कि इस इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य है कि ऐसे लोगों को मानसिक उपचार और सुरक्षा प्रदान करना है जिन्हें आत्महत्या के विचार आते हैं। इसके लिए जरूरी है कि लक्षणों को पहचानें और काउंसलिंग करें। उन्होंने कहा कि आत्महत्या की प्रवृत्ति वाले लोगों के लक्षण हैं – निराशा और अवसाद की भावना, आत्मसम्मान की कमी, अकेला और सामाजिक अलगाव की भावना, नींद न आना, भूख में कमी, जीवन के प्रति उदासीनता और अर्थहीनता, अत्यधिक शराब या नशीले पदार्हों का सेवन, जीवन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण, आत्महत्या के बारे में बात करना या संकेत देना।
उन्होंने विद्यालय के प्रतिनिधियों से कहा कि बच्चे काफी समय विद्यालय में व्यतीत करते हैं | उनके व्यवहार में यदि बदलाव दिखे तो उनसे बात करें और अभिभावकों को भी इससे अवगत कराएँ। उन्होंने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन टेली मानस 18008914416 या 14416 तथा जनपद लखनऊ के लिए मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर 9451122854 पर मनोरोग सम्बन्धी जानकारी के लिए संपर्क किया जा सकता है।
मनोवैज्ञानिक डॉ. रजनीगंधा ने बताया कि तनाव व चिंता एवं अन्य कई कारणों से लोग में तंबाकू एवं अन्य किसी प्रकार के नशे का उपयोग करने लगते हैं, जिससे न उन्हें केवल शारीरिक तौर से बल्कि आर्थिक और सामाजिक तौर से भी क्षति पहुँचती है। कार्यशाला में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम लखनऊ की टीम द्वारा प्रचार प्रसार सामग्री वितरित कर मानसिक स्वास्थ्य के विषय में जागरूक किया गया।
इस मौके पर राष्ट्रीय मानसिक इकाई की टीम और अस्पताल के अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।