-बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मियों का बेमियादी सत्याग्रह आंदोलन 22वें दिन भी जारी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। बारिश के दिनों में संक्रामक बीमारियों की विभीषिका, कोविड-19 की तीसरी लहर के आसन्न खतरे को देखते हुए भी संक्रामक बीमारियों के निस्तारण करने वाले कर्मचारियों की पत्रावली पूर्ण होने के उपरांत भी प्रशिक्षण देने पर निर्णय न लिया जाना संविदा एम.पी.डब्ल्यू.के साथ ही प्रदेश की ग्रामीण जनता के साथ भी धोखा है। यह बात संविदा एमपीडब्ल्यू संगठन के संरक्षक विनीत मिश्रा ने कही। इस बीच संविदा एम.पी.डब्ल्यू. द्वारा अपने प्रशिक्षण की मांग को लेकर महानिदेशालय परिवार कल्याण परिसर में पांचवें सप्ताह के 22वें दिन भी अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन जारी रखा।
विनीत मिश्रा ने बताया कि उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ और इलाहाबाद के अंतरिम आदेश, सत्तापक्ष और विपक्ष के 150 से अधिक विधायकगण, मंत्रीगण, सांसदगण तथा अन्य लोगों द्वारा समस्या के निस्तारण के लिए विभागीय शासन प्रमुख को सुझाव निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि शासन की समस्त आपत्तियों का निस्तारण करते हुए महानिदेशालय के विभागीय प्रस्ताव के बाद भी शासन की उपेक्षा के चलते स्वास्थ्य कार्यकर्ता संविदा एम.पी.डब्ल्यू. पुरुष को प्रशिक्षण पाने के लिए महानिदेशालय परिवार कल्याण परिसर में पिछले 22 दिनों से सत्याग्रह आंदोलन करना पड़ रहा है।
गजब स्थिति यह है कि यह प्रशिक्षण निजी क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं है सरकार की संवेदनहीनता यह है कि अगर प्राइवेट क्षेत्र में यह प्रशिक्षण उपलब्ध करा दिया जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रामक बीमारियों का नियंत्रण करने वाले कर्मचारी उपलब्ध होंगे। जिससे संक्रामक बीमारियों पर नियंत्रण पाना और अधिक सुलभ और आसान होगा। आज के आंदोलन की अध्यक्षता जनपद फर्रुखाबाद के जिला अध्यक्ष अतुल पाल, संयोजक अखिलेश तिवारी के साथ-साथ जनपद कानपुर, बाराबंकी, सीतापुर, मुजफ्फरनगर और लखनऊ के आंदोलनकारी धरना स्थल पर अपनी मांग के समर्थन में मौजूद रहे।
विनीत मिश्रा ने बताया कि शासन स्तर पर होने वाली वार्ता अभी तक नहीं हो सकी है महानिदेशालय परिवार कल्याण की महानिदेशक डॉ लिली सिंह ने बीती 27 जुलाई को आश्वस्त किया था कि इस विषय पर शीर्ष स्तर पर बैठक आहूत करा कर निर्णय कराया जाएगा, लेकिन अभी तक इस विषय पर कोई भी प्रगति नहीं हो सकी। एक माह का समय बीत रहा है संगठन अपने आंदोलन की आगामी रूपरेखा के लिए पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति तय करेगा।