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एआई युक्त प्रणाली से एसजीपीजीआई में अब और तेज व सटीक एंजियोप्लास्टी

-चार दिनों मे 10 केसेज में किया जा चुका है एआई युक्त प्रणाली का उपयोग

सेेहत टाइम्स

लखनऊ। यहां स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में अब एक नवीनतम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)-संचालित इंट्रावैस्कुलर ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (OCT) प्रणाली स्थापित की गई है, जो फ्रैक्शनल और रिलेटिव फ्लो रिज़र्व (कोरोनरी फ्लो का आकलन) तथा 3D एंजियो को-रजिस्ट्रेशन (एक साथ एंजियोग्राफिक दृश्य प्रदान करने वाली तकनीक) को एकीकृत करती है। यह अत्याधुनिक प्रणाली अब हृदय रोग विशेषज्ञों को Coronary angioplasty के लिए एक समग्र और उन्नत दृष्टिकोण प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।

मैनुअल विश्लेषण के स्थान पर AI एल्गोरिद्म का उपयोग करके, यह तकनीक प्लाक संरचना, कैल्सीफिकेशन, रक्त वाहिका का आकार, स्टेंट की स्थिति आदि का मूल्यांकन अधिक सटीकता से कर सकती है, साथ ही इन जानकारियों को एंजियोग्राफी डेटा से भी जोड़ सकती है।

5 मई 2025 को स्थापना के बाद से, एसजीपीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग की टीम जिसमें प्रो. आदित्य कपूर, प्रो. सत्येन्द्र तिवारी, प्रो. रूपाली खन्ना, प्रो. नवीन गर्ग और डॉ. अंकित साहू शामिल हैं, अब तक 10 Cases में इस प्रणाली का सफलतापूर्वक उपयोग कर चुके हैं। उन्होंने कोरोनरी इंटरवेंशन के दौरान इस तकनीक की तेज और सटीक निर्णय-निर्माण क्षमता की सराहना की है।

कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. कपूर ने एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आर. के. धीमन के प्रयासों की सराहना की, जिनके सहयोग से यह मशीन संस्थान में लाई जा सकी। यह मशीन उच्च-रिज़ॉल्यूशन रियल-टाइम 3D पुनर्निर्माण, 3D वॉल्युमेट्रिक इमेजिंग, और एक साथ एंजियो-ओसीटी डिस्प्ले प्रदान करती है, जिससे प्रक्रियाओं की सटीकता और रोगियों के उपचार के परिणामों में उल्लेखनीय सुधार होगा।

निदेशक प्रो. आर. के. धीमन ने कार्डियोलॉजी विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए रोगी देखभाल में उनके योगदान की प्रशंसा की और भविष्य के सभी प्रयासों में विभाग को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

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