केजीएमयू में एम्बुलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनीटरिंग पर वर्कशॉप आयोजित
केजीएमयू के फीजियोलॉजी विभाग में फ्री में होती है बीपी की यह जांच
लखनऊ। कोई भी दवा रोग के लिए होती है, निरोगी के लिए नहीं, इसलिए रोग की सही पहचान होना बहुत आवश्यक है, ब्लड प्रेशर जैसे कॉमन होते जा रहे रोग की अगर बात करें तो अनेक बार ऐसा होता है कि व्यक्ति के एक बार के ब्लड प्रेशर के रैन्डम परीक्षण की रिपोर्ट को ही आधार मानते हुए चिकित्सक बीपी की दवा दे देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इसलिए आवश्यक है कि एक बार की रिपोर्ट को आधार न माना जाये, अब ब्लड प्रेशर नापने की इस प्रकार की मशीन आ गयी है जिसे रोगी के साथ एक निश्चित समय के लिए अटैच कर दिया जाता है जिससे थोड़े-थोड़े अंतराल पर मशीन स्वत: व्यक्ति का बीपी मॉनीटर कर रिपोर्ट दर्ज करती रहती है। इस रिपोर्ट से चल जाता है कि 24 घंटे में किस-किस समय व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कितना रहा, उसके हिसाब से चिकित्सक दवा का निर्धारण कर देता है।
लोगों में तेजी से बढ़ रही ब्लड प्रेशर की बीमारी की सही पहचान के लिए आज शनिवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय (केजीएमयू) के फीजियोलॉजी विभाग द्वारा कलाम सेंटर में एबीपीएम (एम्बुलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनीटरिंग) Ambulatory Blood Pressure Monitoring (ABPM) वर्कशाप एवं क्रोनोमेडिसिन लैब (इसी लैब में एम्बुलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनीटर रखा जाता है) का उद्घाटन चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट द्वारा किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो एसएन संखवार, सर्जरी विभाग के प्रो हरजीत सिंह पाहवा एवं जापान के एएनडी कंपनी के प्रबंध निदेशक चिकार अकाई भी उपस्थित में करीब 60 चिकित्सकों व रेजीडेंट्स डॉक्टरों ने इस वर्कशॉप में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर एरा मेडिकल कॉलेज, हिन्द मेडिकल कॉलेज, बाबू बनारसी दास मेडिकल कॉलेज एवं केजीएमयू समेत विभिन्न मेडिकल कॉलेज के 60 से अधिक चिकित्सकों ने कार्यशाला में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर कुलपति ने उपस्थित संबोधित करते हुए कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि केजीएमयू में भी एएनडी कंपनी के माध्यम से शीघ्र ही ब्लड प्रेशर एटीएम खोले जाएं, जिससे यहां आने वाले मरीजों को बड़ी संख्या में इस सुविधा का लाभ मिल सके।
इस अवसर पर कार्यक्रम की विशेष अतिथि फिजियोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सुनीता तिवारी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए (ABPM) के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
एम्स ऋषिकेश के सह आचार्य डॉ अरुण गोयल ने (ABPM) के प्रयोग एवं विशेषताएं बताई। एम्स भुवनेश्वर के सह आचार्य डॉ मनीष गोयल ने भी इस अवसर पर (ABPM) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी एवं इसके प्रयोग की विधि के बारे में विस्तार से चर्चा की।
बाबू बनारसी दास मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 अनुज महेश्वरी ने मधुमेह में (ABPM) के प्रयोग के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य आयोजनकर्ता एवं संचालक फीजियोलॉजी विभाग के आचार्य प्रो नरसिंह वर्मा ने आज की परिस्थिति में (ABPM) के इस्तेमाल को खासकर ब्लड प्रेशर एवं मधुमेह के रोग में चिकित्सीय आवश्यकता बताया। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में इस मशीन से जांच की सुविधा फ्री में उपलब्ध है।
इस कार्यक्रम में जापान से आए एएनडी कंपनी के प्रबंध निदेशक चिकार अकाई ने गोष्ठी को हिन्दी भाषा में संबोधित करते हुए ऐसे आयोजन किए जाने की सराहना करते हुए इस सकारात्मक पहल की प्रशंसा की। इस अवसर पर फिजियोलॉजी विभाग के डॉ जगदीश नारायण, डॉ संदीप भट्टाचार्य एवं डॉ दिलीप कुमार वर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में क्रोनोमेडिसिन लैब फीजियोलॉजी विभाग, केजीएमयू में (ABPM) उपकरण को चलाया गया एवं इसकी सम्पूर्ण जानकारी चिकित्सकों को दी गई।