–केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर की टीवीयू टीम की गहन देखभाल रंग लायी
-सीएमएस के छात्र के साथ बास्केटबॉल खेलते समय हुआ था हादसा

सेहत टाइम्स
लखनऊ। बास्केटबॉल खेलते समय सिर पर बास्केटबॉल पोल गिरने से हेड इंजरी का शिकार हुए छात्र की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में आईसीयू में की गयी देखभाल अंतत: रंग लायी, मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार दिखायी दे रहा है, सुधार का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि अत्यन्त गंभीर स्थित में पहुंच चुके मरीज को अब वेंटीलेटर से हटाकर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रख दिया गया है।
ट्रॉमा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रेमराज सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि लगभग एक सप्ताह पूर्व सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड के 17 वर्षीय छात्र अक्षय दीप शुक्ला के साथ स्कूल में उस समय एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हो गया, जब बास्केटबॉल खेलते समय उन पर अचानक एक भारी बास्केटबॉल पोल गिर पड़ा। इस दुर्घटना में छात्र को गंभीर सिर की चोट (हेड इंजरी) आई, जिसके बाद विद्यालय प्रशासन और सहपाठियों द्वारा तत्काल केजीएमयू, लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर पहुँचाया गया।
अस्पताल पहुँचने पर, न्यूरोसर्जरी विभाग की विशेष टीम ने मरीज की जाँच की और आवश्यक सीटी स्कैन एवं अन्य परीक्षण किए। रिपोर्टों के अनुसार, चोट गंभीर थी परंतु सर्जिकल हस्तक्षेप (ऑपरेशन) से सुधार की कोई संभावना नही थी। ऐसे में टीम ने मरीज को तत्काल वेंटीलेटर पर रखने की जरूरत बतायी। डॉ सिंह ने बताया कि इसके बाद मरीज को ट्रॉमा वेंटिलेटरी यूनिट (TVU) में भर्ती किया गया, जहाँ उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। उसकी देखभाल टीवीयू प्रभारी डॉ. ज़िया अरशद और डॉ. राम गोपाल मौर्य की विशेष निगरानी में की गई।
डॉ सिंह ने बताया कि लगातार आठ दिनों की गहन आईसीयू देखभाल, दवाओं और मॉनीटरिंग के बाद मरीज की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। आज मरीज को सफलतापूर्वक वेंटिलेटर से हटाया गया (एक्सट्यूबेट किया गया) और अब वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर है। डॉक्टरों के अनुसार, अक्षय दीप अब सचेत, स्थिर और उपचार को अच्छी प्रतिक्रिया दे रहा है।
डॉ. ज़िया अरशद, टीवीयू प्रभारी ने बताया कि यदि मरीज की स्थिति इसी प्रकार स्थिर बनी रही, तो अगले कुछ दिनों में उसे वार्ड में स्थानांतरित कर आगे की चिकित्सा और पुनर्वास (rehabilitation) शुरू किया जाएगा उन्होंने बताया कि केजीएमयू की ट्रॉमा एवं क्रिटिकल केयर टीम के सामूहिक प्रयास और समय पर उपचार से इस गंभीर रूप से घायल छात्र की स्थिति में तेजी से सुधार संभव हुआ है।

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