-सामान्यत: जिला स्तरीय सरकारी चिकित्सालयों में नहीं होती हैं इस तरह की सर्जरी
-पालतू जानवरों से इंसानों में चले जाते हैं परजीवी अंडे, जिससे बन जाती हैं हाइडैटिड सिस्ट
सेहत टाइम्स
लखनऊ। रामसागर मिश्रा संयुक्त चिकित्सालय तेजी से गुणवत्तापूर्ण एवं सफल चिकित्सकीय कार्यों की उपलब्धि प्राप्त कर रहा है, विगत कुछ माह में कई बड़ी शल्यक्रियाएं सफलतापूर्वक की गयी हैं। इसी क्रम में 15 सितम्बर को एक जटिल शल्यक्रिया में 35 वर्षीया महिला के लिवर से तीन बड़ी गांठें निकालने में सफलता प्राप्त हुई है।
यह जानकारी देते हुए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ वी के शर्मा ने बताया कि बाबरपुर,सन्दना,सीतापुर की रहने वाली 35 वर्षीया लक्ष्मी कुछ दिवस पूर्व पेट दर्द और जी मालिश की शिकायत लेकर उपचार के लिए चिकित्सालय में आई। सर्जन डॉ अजीत सिंह ने जांचोपरांत पाया गया की उक्त मरीज़ के लिवर में तीन बड़ी-बड़ी हाइडैटिड सिस्ट हैं। डॉ अजीत सिंह के अनुसार हाइडैटिड सिस्ट या डॉग टेपवार्म parasitic infection इकनोकोकस ग्रैनुलोसस के कारण होता है। यह पालतू जानवरों से इंसानों में फैलता है।” दूषित भोजन/पानी और हाथों की खराब स्वच्छता के माध्यम से परजीवी के अंडे निगलने से होता है।
डॉ अजीत के अनुसार भारत में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 1-200 में हो सकता है तथा यह शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है, लेकिन सबसे आम लिवर (60 से 70%) है, उसके बाद फेफड़े (20 से 30%)में होता है। रोगी को पेट दर्द शरीर में गांठ के कारण होता है। सिस्ट का आकार छोटे से लेकर बड़ा तक हो सकता है। सिस्ट शरीर में फट सकता है जो जीवन के लिए घातक हो सकता है और एनाफिलेक्टिक शॉक का कारण बन सकता है।
डॉ शर्मा ने बताया कि मरीज के लिए शल्यक्रिया की नितांत आवश्यकता थी एवं उसकी सलाह मरीज़ और उनके घरवालों की दी गई, उनके द्वारा किसी अन्य उच्च चिकित्सा संस्थान में जाने में असमर्थता व्यक्त करने पर चिकित्सालय में कार्यरत कुशल शल्यक (सर्जन) डॉ अजीत सिंह ने ख़ुद शल्यक्रिया करने पर हामी भरी। इसके बाद तत्काल चिकित्सालय में कार्यरत निश्चेतकों (एनेस्थेटिस्ट) डॉ यू एस लाल एवं डॉ सुमित कुमार महाराज ने जांच की, निश्चेतकों की सहमति से उन्होंने उक्त मरीज़ की जटिल शल्यक्रिया को सम्पादित करने का निर्णय लिया।
उन्होंने बताया कि यह जटिल शल्यक्रिया किसी भी जिला अस्पताल में कारित होना एक गौरव की बात है एवं प्रदेश सरकार की ग़रीब एवं समाज के आख़िरी व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुँचाने की ओर एक सार्थक कदम है। यह मरीज़ शल्यक्रिया पश्चात पूर्णतः स्वस्थ है। डॉ वी के शर्मा ने बताया कि चिकित्सालय में कार्यरत सर्जन एवं एनेस्थेटिस्टों ने इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक सम्पादित कर अतिउत्तम कार्य किया है एवं भविष्य में भी जनहित में ऐसे कार्य किया जाते रहेंगे जिससे आम जनमानस को शासन की मंशानुरूप स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो।
सर्जन डॉ अजीत सिंह ने बताया कि यह एक जटिल शल्यक्रिया थी जिसे इस मरीज के स्वास्थ्य लाभ के लिए पूरी टीम के सहयोग से सम्पादित किया गया। उन्होंने खासकर निश्चेतकों डॉ उमाशंकर लाल एवं डॉ सुमित कुमार महाराज के कुशल निश्चेतना कार्य की सराहना की कि उनके सक्रिय सहयोग के बिना यह सम्पादित कर पाना संभव नहीं हो पाता।


