-योगी की कैबिनेट ने केजीएमयू अधिनियम 2002 में संशोधन प्रस्ताव को दी मंजूरी
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की कार्यपरिषद में अब अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आचार्यों (प्रोफेसर्स) को भी शामिल किया जायेगा। इस सम्बन्ध में आज 7 अगस्त को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार कैबिनेट ने केजीएमयू अधिनियम, 2002 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत यह बदलाव किया गया है। बताया जाता है कि कार्यपरिषद में आचार्यों का चुनाव करने के लिए जो व्यवस्था लागू होगी उसके तहत वरिष्ठतम प्रोफेसरों को रोटेशन के आधार पर नामित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार, केजीएमयू के कुलपति से परामर्श करके इन नामों को अंतिम रूप देगी।
मंत्रिपरिषद ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय उ0प्र0 अधिनियम-2002 में संशोधन करते हुए धारा-24(1)(।) अन्तर्विष्ट किये जाने सम्बन्धी विधेयक को राज्य विधान मण्डल के आगामी सत्र में पुरःस्थापित करने का प्रस्ताव अनुमोदित किया है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, उ0प्र0 लखनऊ की स्थापना चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज को उच्चीकृत कर की गयी है। यह विश्वविद्यालय प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का एक ख्याति प्राप्त चिकित्सा विश्वविद्यालय है। चिकित्सा शिक्षा एवं टर्शियरी केयर के क्षेत्र में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय अधिनियम-2002 (उ0प्र0 अधिनियम संख्या-8 सन्-2002) के अंतर्गत निर्मित के0जी0एम0यू0 परिनियमावली के प्रस्तर-1.05 में के0जी0एम0यू0, उत्तर प्रदेश में आरक्षित वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा एवं अनुश्रवण की व्यवस्था उल्लिखित की गयी है।
इस व्यवस्था के क्रम में कार्य परिषद में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय उ0प्र0 अधिनियम-2002 में संशोधन करते हुए धारा-24 (1)(।) अन्तर्विष्ट किए जाने के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की 28 जनवरी, 2022 को हुई बैठक में पारित प्रस्ताव के क्रम में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय उ0प्र0 अधिनियम-2002 में संशोधन करते हुए निम्नानुसार धारा-24(1)(।) अन्तर्विष्ट किया जाना है-
“1(A) One member from amongst the senior most Professors of the University belonging to the Scheduled Castes or Scheduled Tribes and one member from amongst the senior most Professors of the University belonging to other backward classes of citizen, to be nominated by the State Government, on rotation basis, in consultation with the Vice-Chancellor.”
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय उ0प्र0 अधिनियम-2002 में संशोधन करते हुए उपर्युक्तानुसार धारा-24 (1)(।) अन्तर्विष्ट किए जाने सम्बन्धी विधेयक को राज्य विधान मण्डल के आगामी सत्र में पुरःस्थापित किये जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

