प्रमुख सचिव ने दिया कड़ी कार्रवाई का आश्वासन, एक सिपाही गिरफ्तार, बाकी पर भी कार्यवाही हो रही
लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने गोरखपुर के जिला अस्पताल में पुलिस वालों द्वारा डॉक्टर व कर्मचारियों से की गई मारपीट की घटना की निंदा की है। संघ ने घटना पर नाराजगी और चिंता जताते हुए कहा है कि नामजद सभी हमलावर दोषी पुलिस वालों की गिरफ्तारी की जाए। संघ के अध्यक्ष डॉ अशोक यादव ने इस संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी से तथा अन्य उच्च अधिकारियों से मिलकर घटना पर रोष जताया।
डॉ यादव ने बताया कि प्रमुख सचिव द्वारा यह आश्वासन दिया गया है की इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी तथा सरकार डॉक्टरों को पूरी सुरक्षा प्रदान करेगी। डॉक्टर यादव ने कहा कि जिन चिकित्सालयों में चिकित्सालयों में में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे मेडिकोलीगल जैसे कार्य होते हैं वहां पर सुरक्षा भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम द्वारा कराई जानी चाहिए।
संघ के महामंत्री डॉक्टर अमित सिंह ने कहा कि गोरखपुर की घटना को 36 घंटे बीतने के बाद भी अब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है उन्होंने मांग की कि दोषियों की गिरफ्तारी कर डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान की जाए।
ज्ञात हो मंगलवार को गोरखपुर जिला अस्पताल में रात के ढाई बजे डॉक्टर समेत अस्पताल के कर्मचारियों पर सिपाही और अन्य पुलिसकर्मियों ने हमला कर दिया। वर्दी की धौंस दिखाते हुए सिपाही ने गाली-गलौच के बाद उनसे मारपीट की। जब अस्पताल से पुलिस को सूचना दी गई तो मौके पर आए दारोगा और दो सिपाहियों ने भी आरोपी सिपाही का साथ देते हुए डॉक्टर और अस्पताल कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया।
इस मामले में पुलिस डॉक्टर की शिकायत के बाद भी सुबह तक हीला-हवाली करती रही लेकिन डॉक्टर्स के विरोध प्रदर्शन की धमकी के बाद पुलिस अधिकारी जागे। तब पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं मारपीट करने वाले आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
डॉ. राकेश कुमार की तहरीर के मुताबिक, मंगलवार रात उनकी इमर्जेंसी में ड्यूटी लगी थी। इसी दौरान नशे की हालत में सिपाही दुर्गेश पाठक करीब 2.30 बजे इमरजेंसी में आए। वह मऊ जिले में तैनात हैं, उन्हें चोट लगी थी। नशे में सिपाही ने गाली देते हुए उनसे और उनके स्टाफ के लोगों से मारपीट शुरू कर दी। इस पर उन्होंने कोतवाली थाने को सूचना दी। आरोप है कि मौके पर पहुंचे एसआई अंजनी कुमार, सिपाही मनोज चौधरी और एक अन्य सिपाही ने भी आरोपी दुर्गेश का साथ देते हुए उनसे और स्टाफ के साथ अभद्रता की। देर रात हंगामे से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।
दूसरे दिन सुबह डॉ. राकेश कुमार और अन्य पीड़ित कोतवाली थाने पहुंचे। लेकिन पुलिसवालों का ही मामला देख उनके साथ हीला-हवाली होने लगी। इस पर डॉक्टर और पीड़ितों ने उच्च अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने उनकी तहरीर पर मेडिकल प्रोटेक्शन ऐक्ट, 7-सीएलए समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
एसएसपी शलभ माथुर के अनुसार आरोपी सिपाही दुर्गेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए मऊ एसपी को पत्र भी लिखा गया है। वहीं दारोगा और दो सिपाहियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। दोषी पाए जाने पर इन पर भी दंडात्मक कार्रवाई होगी।