-प्रेसीजन मेडिसिन एवं इंटेंसिव केयर कांफ्रेंस 2024 का उद्घाटन किया ब्रजेश पाठक ने

सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को प्राचीन एवं ख्याति प्राप्त चिकित्सा संस्थान बताते हुए कहा है कि यहां के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा प्रेसीजन मेडिसिन की इकाई स्थापित करके संस्थान ने अपनी और उत्तर प्रदेश की गरिमा में चार चांद लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा जगत में नित्य नयी रिसर्च होती रहती हैं, हमें दुनिया भर में होने वाली रिसर्च के परिणामों को अपने यहां भी स्थापित कर प्रदेश की जनता को इसका लाभ पहुंचाना चाहिए।
श्री पाठक ने ये विचार आज 8 फरवरी को केजीएमयू के अटल बिहारी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में 7 से 9 फरवरी को आयोजित तीन दिवसीय प्रेसीजन मेडिसिन एवं इंटेंसिव केयर कांफ्रेंस (पी एम आई सी) 2024 का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कॉन्फ्रेंस के आयोजक मंडल को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह आश्वस्त किया कि सरकार केजीएमयू के विकास के लिए सदैव सहयोग प्रदान करेगी। उद्घाटन समारोह में अति विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक़्फ़ एवं हज दानिश आजाद अंसारी, कॉन्फ्रेंस के प्रमुख वक्ता पीएमआईसी बेल्जियम के चीफ एडवाइजर प्रोफेसर जिन लुइस विंसेंट, केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद उपस्थित रहीं। कॉन्फ्रेंस के आयोजन अध्यक्ष एराज यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अब्बास अली मेहदी, कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल तथा देश-विदेश से आए विशेषज्ञ सहित केजीएमयू के चिकित्सा शिक्षक, चिकित्सा छात्र भी उपस्थित रहे।
प्रेसीजन मेडिसिन की विधा से सटीक निदान, सटीक दवा, सटीक मात्रा से सटीक इलाज : प्रो0 जिन लुईस विसेंट
दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई कॉन्फ्रेंस की औपचारिक शुरुआत के बाद प्रो0 सोनिया नित्यानंद ने अपने उद्बोधन में बताया कि क्रिटिकल केयर एवं इंटेसिव केयर के क्षेत्र में आने वाला समय प्रेसीजन मेडिसिन का ही है। भविष्य में प्रेसीजन मेडिसिन के अभाव में क्रिटिकल केयर एवं इंटेसिव केयर की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कॉन्फ्रेंस की आयोजक टीम को इतने महत्वपूर्ण विषय पर एकेडेमिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बधाई दी। बेल्जियम से आये पीएमआईसी के चीफ एडवाइजर प्रो0 जिन लुईस विसेंट ने प्रेसीजन मेडिसिन के महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आईसीयू में भर्ती हर मरीज देखने में तो एक जैसा दिखाई देता है, परन्तु वास्तव में ऐसा होता नहीं है। आईसीयू में भर्ती हर मरीज की बीमारी, संक्रमण और शारीरिक स्थिति में अंतर होता है. ऐसे में प्रेसीजन मेडिसिन की विधा का उपयोग कर के उसके हिसाब से सटीक रोग निदान कर, सटीक औषधियों एवं उसकी सटीक मात्रा का चयन कर के उसे सफल उपचार प्रदान किया जा सकता है।

प्रो0 अब्बास अली मेहदी ने अपने उद्बोधन में बताया कि प्रेसीजन मेडिसिन का कांसेप्ट कोई नया कांसेप्ट नहीं है, अपितु इसका प्रयोग हम कैंसर के मरीजों के उपचार में कर रहें हैं, परन्तु क्रिटिकल केयर एवं इंटेसिव केयर के क्षेत्र में इस विधा का अभी तक अभाव देखने को मिला है। आने वाले समय में प्रेसीजन मेडिसिन की विधा आईसीयू में भर्ती मरीजों के सफल उपचार करने में चिकित्सा जगत के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी।
इस अवसर पर प्रेसीजन मेडिसिन का लोगो भी लॉन्च किया गया। कार्यक्रम के अंत में मंच पर उपस्थितअतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव प्रो अविनाश अग्रवाल ने दिया।

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