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दवाओं की शोध में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं फार्मासिस्‍ट

-बलरामपुर अस्‍पताल में केक काटकर मनाया गया विश्‍व फार्मासिस्ट दिवस

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। चिकित्सा क्षेत्र में फार्मासिस्टों का कार्य क्षेत्र बढ़ता जा रहा है। अब वह दवाओं की शोध में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। औषधि के विशेषज्ञों के रूप में फार्मासिस्‍टों की जानकारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

यह उद्गार आज बलरामपुर अस्‍पताल में विश्व फार्मासिस्ट दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अस्‍पताल के चीफ फार्मासिस्ट राजीव कनौजिया ने व्‍यक्‍त किये। कार्यक्रम में फार्मासिस्टों ने केक काटकर इस दिवस को यादगार बनाया।

राजीव ने कहा कि फार्मेसिस्टों को क्रूड ड्रग का अध्ययन भी कराया जाता है, शरीर क्रिया विज्ञान, फामार्कोलॉजी, विष विज्ञान, ड्रग स्टोर मैनेजमेंट, माइक्रोबायोलॉजी सहित फार्मास्युटिक्स, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री सहित विभिन्‍न विषयों का विस्तृत अध्ययन कराया जाता है। औषधि की खोज से लेकर, उसके निर्माण, भंडारण, प्रयोग, कुप्रभाव, दवा को ग्रहण करने, उसके पाचन, प्रभाव और उत्सर्जन की पूरी जानकारी फार्मेसिस्ट को होती है, इसलिए औषधियों के विशेषज्ञ के रूप में फार्मासिस्टों की जानकारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

इस मौके पर अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि हर साल विश्व फार्मासिस्ट दिवस 25 सितंबर को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2009 में इस्तांबुल तुर्की में वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑफ फामेर्सी एंड फार्मास्यूटिकल साइंस में इंटरनेशनल फार्मास्यूटिकल फेडरेशन द्वारा की गई थी। इस दिवस को मनाने का मकसद दुनिया भर में फार्मासिस्ट को सम्मानित करना और उनके योगदान को सराहना है। इस मौके पर प्रभारी अधिकारी फार्मेसी जेके सचान, मनमोहन मिश्रा, बीपी चौधरी,  सुभाष श्रीवास्तव, सीपी चौधरी व फार्मेसिस्ट श्रवण सचान ने केक काटकर एक-दूसरे को बधाई दी। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त हो चुके फार्मासिस्ट केके सचान, मंजू वर्मा व निशा तिवारी भी मौजूद रहे।

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