-अब तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं खण्ड विकास अधिकारी नहीं कर सकेंगे शासकीय अस्पतालों का निरीक्षण
सेहत टाइम्स
लखनऊ। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के विरोध के बाद राजकीय चिकित्सालयों के निरीक्षण के लिए गोण्डा के जिलाधिकारी द्वारा पूर्व में नियुक्त किये गये नोडल अधिकारियों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं खण्ड विकास अधिकारी को निरीक्षण के अधिकार से अलग कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में गोण्डा के जिलाधिकारी की ओर से एक आदेश जारी किया गया है।
ज्ञात हो पीएमएस संघ ने गोंडा के जिलाधिकारी द्वारा राजकीय चिकित्सालय के निरीक्षण के लिए नामित किए गए नोडल के चयन का निर्धारण शासनादेश के विपरीत किए जाने पर आपत्ति जताई थी। इस संबंध में एसोसिएशन ने प्रदेश की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की थी।
संघ ने अपने पत्र में लिखा था कि जिला अधिकारी गोंडा ने शासनादेश के विपरीत खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार इत्यादि को विभिन्न चिकित्सालयों के लिए नोडल नामित किया गया है जबकि शासनादेश में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की उपस्थिति का निरीक्षण मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिला अधिकारी अथवा उनके समकक्ष नामित अधिकारियों द्वारा ही किया जाएगा। संगठन का कहना था कि हम लोगों के संवर्ग का प्रत्येक चिकित्सा अधिकारी राजपत्रित अधिकारी होने के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त समाज का एक प्रतिष्ठित एवं प्रबुद्ध नागरिक भी है। ऐसे में शासनादेश एवं चिकित्सकों की गरिमा के विपरीत सक्षम अधिकारियों के स्थान पर निरीक्षण के लिए अन्य कार्मिकों के लगाए जाने का आदेश सर्वथा ही अनुचित है।
इस आपत्ति के बाद जिलाधिकारी गोण्डा ने अपने आदेश को संशोधित करते हुए 15 सितम्बर को नया आदेश जारी किया गया है।