लखनऊ। ट्रामा सेंटर स्थित पल्मोनरी एन क्रिटिकल केयर यूनिट (पीएनसीसीयू) में बुधवार को 45 वर्षीय इस्लाम को डिस्चार्ज किया गया, जिसकी बीती 6 जनवरी को गलती से आक्सीजन पाइप निकल जाने से सांसें थम गई थीं। सूचना मिलते ही विभाग के डॉक्टर्स, नर्स एवं फिजियोथैरेपिस्ट पहुंच गये और 10 मिनट तक सीपीआर(दोनो हाथों से छाती दबा दबा कर हार्ट में सांसे भरना) शुरू किया। आखिरकार इस्लाम की साँसें लौटीं, वेंटीलेटर पर फुल सपोर्ट से भर्ती कर इलाज किया गया, एक सप्ताह के इलाज से उसके चेस्ट इंफेक्शन पर कंट्रोल किया जा सका। स्थिति सुधरने के बाद इस्लाम को वेंटीलेटर यूनिट से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
पल्मोनरी क्रिटिकल केयर यूनिट के विभागाध्यक्ष प्रो.वेद प्रकाश ने बताया कि फैजाबाद निवासी 45 वर्षीय इस्लाम, को चेस्ट इंफेक्शन था, गंभीर निमोनिया से ग्रस्त हालत में उसे 21 दिसंबर को निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां अत्यधिक गंभीर हालत में मात्र 10 प्रतिशत जीवन की उम्मीद बताते हुए उसे केजीएमयू रिफर किया गया था। ट्रॉमा सेंटर में 31 दिसम्बर को वेंटीलेटर पर फुल सपोर्ट के साथ भर्ती किया था, हाई पावर की एंटीबायोटिक दवाएं शुरू की गई, हालत नियंत्रण में आती इसके पहले ही 6 जनवरी को वेंटीलेटर पर आक्सीजन पाइप निकल गया और इस्लाम का कार्डियक अरेस्ट हो गया। बेहतर टीम की वजह से सीपीआर से मरीज की साँसें लौटीं, और आज ठीक होकर इस्लाम को घर भेज दिया गया, अब वह खुद से सांस और ओरल दवाएं ले रहा है। प्रो. वेद ने बताया कि सेंटर में विश्व स्तरीय चिकित्सा दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के केसेज जिसमें बचने की संभावना 10 प्रतिशत होती है, उसमें सीपीआर के जरिये मरीज को बचाने की विश्वस्तरीय कोशिश करी जा सकती है।