लखनऊ। तीन-तीन ऑपरेशन के बावजूद जबड़ा न जुडऩे से निराश हो चुके गोपाल की जिन्दगी में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू ) ने आशाएं भर दी हैं। डेंटल संकाय के डीन डॉ शादाब मोहम्मद और उनकी टीम ने एक जटिल सर्जरी करने में सफलता प्राप्त की है।
यशोदा नगर, कानपुर के रहने वाले 42 वर्षीय गोपाल वर्मा स्वर्णकार हैं, करीब डेढ़ साल पूर्व कानपुर में बाइक से जाते समय दूसरी बाइक से टकराने से उनका एक्सीडेंट हो गया था। इस दुर्घटना में गोपाल का बायां जबड़ा बुरी तरह टूट गया था। इसके बाद कानपुर में ही उसके तीन बार ऑपरेशन हुए लेकिन तीनों ऑपरेशन कामयाब नहीं रहे। हालत यह थी कि खाना-पीना दूर बात करने में भी उनका जबड़ा अलग-अलग हिलता था क्योंकि वह आपस में जुड़ ही नहीं पाया था। डॉ शादाब मोहम्मद ने बताया कि मरीज के बायें जबड़े के एंगल रीजन में फ्रैक्चर था। उसका जबड़ा हिल रहा था चिकित्सा की भाषा में इस स्थिति को नॉन यूनियन ऑफ एंगिल फैक्चर कहते हैं। उन्होंंने बताया कि मरीज का बीती 18 जनवरी को ऑपरेशन किया गया है। उन्होंने बताया कि मरीज के कूल्हे की हड्डी से टुकड़ा काटकर जबड़े की ग्राफ्टिंग की गयी है। जबड़े की इलियाक क्रेस्ट ग्राफ्टिंग करके टाइटेनियम की प्लेट से चार सेन्टीमीटर की जगह को रीकन्स्ट्रक्शन कर दिया गया है।
इस बारे में ‘सेहत टाइम्स’ ने मरीज गोपाल से भी बात की। गोपाल वार्ड में अपने पलंग पर बैठा अपने परिजनों से बात कर रहा था। गोपाल ने बताया कि वह पिछले डेढ़ साल से खाना खाने को तरस रहा है, ऑपरेशन के एक हफ्ते बाद उसे अब आराम है तथा अब उसे आस बंधी है कि कुछ ही दिन में वह पहले की तरह सब कुछ खा सकेगा। उसने बताया कि बात करते समय भी उसका जबड़ा अलग-अलग हिलता था। ऑपरेशन के समय डॉ शादाब के साथ उनकी टीम के डॉ विभा सिंह, डॉ वैभव, डॉ अभिषेक, डॉ नेहा, डॉ रुबिन, डॉ सहीफा और डॉ प्रवीन शामिल रहे।
SIR JABDA Q NAHI JUD PAA RAHA UNKA KIYA WJHA THI