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केजीएमयू के कर्मचारी जब पेट के बल लेटे तो अधिकारी वार्ता के लिए बैठे

-कैडर पुनर्गठन के लिए शासन ने मांगा एक माह का समय

-कर्मचारियों का ऐलान, वादा पूरा न हुआ तो फि‍र होगा आंदोलन

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्‍वविद्यालय (केजीएमयू) के ग़ैर शैक्षणिक कर्मचारियों के कैडर पुनर्गठन पर पांच वर्ष पूर्व दिये गये आदेशों का अनुपालन अब तक न हो पाने के विरोध में पेट के बल लेट कर मुख्‍यमंत्री आवास को कूच कर रहे कर्मचारियों के साथ शासन की वार्ता में शासन द्वारा आवश्‍यक कार्यवाही पूर्ण करने में एक माह का समय मांगा गया है, जिसे कर्मचारियों ने स्‍वीकार करते हुए कहा है कि अगर एक माह में किया वादा शासन से पूरा नहीं हुआ तो आगे के आंदोलन पर कर्मचारी विचार करेंगे।  

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज मंगलवार 17 अगस्‍त को कर्मचारी परिषद के अध्‍यक्ष प्रदीप गंगवार ने कुलपति कार्यालय से मुख्‍यमंत्री आवास तक पेट के बल जाने की यात्रा शुरू की, उनके साथ कर्मचारी परिषद के दूसरे पदाधिकारी भी मौजूद रहे। राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद के उपाध्‍यक्ष अरविन्‍द निगम ने प्रदीप गंगवार को तिलक लगाकर उनको अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। कुलपति कार्यालय से शुरू हुई इस यात्रा को पुलिस द्वारा केजीएमयू के मुख्‍य द्वार से आगे नहीं जाने दिया गया।

बताया जाता है कि इस बीच मंत्री चिकित्‍सा शिक्षा सुरेश खन्‍ना ने प्रमुख सचिव चिकित्‍सा शिक्षा को इस विषय में कड़े आदेश दिये जिसके बाद आनन-फानन में तय हुआ कि कर्मचारी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की जाये। इस बारे में यात्रा पर निकले प्रदीप गंगवार व अन्‍य कर्मचारियों को कुलपति, कुलसचिव एवं एस पी (पश्चिम) द्वारा अवगत कराया गया कि मंत्री सुरेश खन्ना के सख़्त निर्देश पर प्रमुख सचिव द्वारा दोपहर 12 बजे कर्मचारी परिषद के 5 सदस्यों को मांग के निस्तारण के लिए आमंत्रित किया गया है।

इस बैठक में तय हुआ कि 1 माह के अंदर 2 से 4 कैडरों का शासनादेश निर्गत कर दिया जाएगा इसी के साथ वित्त विभाग द्वारा यह विश्वास दिलाया गया है कि वित्त विभाग द्वारा प्रेषित 10 से 12 कैडरों पर सहमति प्रदान कर दी जाएगी। प्रमुख सचिव द्वारा भी कहा गया कि मैं वादा करता हूं कि अब समवर्गीय पुनर्गठन में अनावश्यक देरी नहीं की जाएगी। 

आज की इस बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, विशेष सचिव वित्त, संयुक्त सचिव चिकित्सा शिक्षा, कुलसचिव-के जी एम यू के साथ ही कर्मचारी परिषद से अध्‍यक्ष प्रदीप गंगवार, महामंत्री राजन यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल उपाध्याय, उपाध्यक्ष प्रिया यादव और संयुक्‍त मंत्री छोटेलाल वर्मा शामिल रहे। प्रदीप गंगवार ने कहा है कि यदि आश्‍वासन के उपरांत भी तय समय सीमा के अंदर मांग पूरी नहीं की जाती है तो कर्मचारी विवश होकर कार्य बहिष्‍कार करने को बाध्य होंगे। 

देखें वीडियो पांच वर्ष पूर्व किये गये कैडर पुनर्गठन के आदेश को न पूरा किये जाने के विरोध में के जी एम यू के कर्मचारियों का पेट के बल लेट कर मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच

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