-हॉटस्पॉट क्षेत्र और मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण डीएम ने लिया फैसला
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कल 20 अप्रैल से कुछ छूट देते हुए कार्यालय एवं सेवाओं को प्रारंभ करने के आदेश भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी किये गये थे, लेकिन लखनऊ जनपद को इस दायरे से अलग रखा गया है, यानी लखनऊ जनपद में जिस तरह से लॉकडाउन के समय जो अब तक सेवायें जारी थीं, वहीं जारी रहेंगी, नयी सेवा कोई शुरू नहीं होगी, न ही अब तक बंद चल रहे कोई कार्यालय खुलेंगे।
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने इस आशय की विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार 20 अप्रैल से कुछ कार्यालयों को खोल कर सेवाएं शुरू की जा रही हैं, लेकिन लखनऊ जनपद में बड़ी संख्या में हॉटस्पॉट क्षेत्र चिन्हित तथा कोविड-19 के बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज होने के कारण लखनऊ जनपद में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
इसलिए सभी जनसामान्य, अधिकारियों/कर्मचारियों को यह सूचित किया जाता है कि जनपद लखनऊ के संपूर्ण नगरीय क्षेत्र में कोई भी नया कार्यालय, इकाई प्रतिष्ठान अथवा सेवा चाहे वह केंद्र सरकार की हो राज्य सरकार की हो अर्ध सरकारी हो अथवा निजी क्षेत्र की हो प्रारंभ नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा है सभी नागरिक, अधिकारी एवं कर्मचारी कोविड-19 प्रोटोकॉल एवं उनका पालन पहले की तरह करते रहेंगे।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने जताया आभार
इस बीच राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि कल शनिवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा इस बात पर आशंका व्यक्त की गई थी कि इससे कर्मचारियों एवं आम जनता को संक्रमण से बचा पाना संभव नहीं होगा, संज्ञान में आया है कि लखनऊ के कार्यालय नहीं खोले जाएंगे। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा एवं प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि निश्चित ही लॉक डाउन की स्थिति में कोरोना संक्रमण के विस्तार पर रोक लगी है, प्रदेश में लॉक डाउन काफी प्रभावी स्थिति में है और संक्रमण को तीसरे स्टेज में अभी तक नहीं जाने देने के लिए काफी हद तक लाख डाउन की ही प्रभावी भूमिका है। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय के अनुरूप 3 मई तक लॉक डाउन का पूरी तरह पालन किया जाना जनता के लिए हितकर है।