-उपचार में निजी क्षेत्र की अहम भूमिका, अस्पताल सील किये जाने से होगी चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की लखनऊ शाखा ने जिला अधिकारी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कोविड-19 के मरीज को लेकर निजी चिकित्सालयों को बंद करने की कार्रवाई के बजाय उसे 36 घंटे के लिए बंद कर कर सैनिटाइज करवाने तथा उसके कर्मचारियों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था का प्रावधान लागू किया जाना चाहिए।
आईएमए की अध्यक्ष डॉ रमा श्रीवास्तव तथा सचिव डॉ जे डी रावत ने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी में समूचे विश्व में चिकित्सक अपनी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, चिकित्सा व्यवस्था में निजी क्षेत्र के अस्पतालों, क्लीनिक, पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे जैसे केंद्रों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा है कि लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा पूर्व में कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम एवं उपचार के लिए चिकित्सालय एवं केंद्रों की ओपीडी/आईपीडी को सीमित करने एवं आकस्मिक से भिन्न सभी ऑपरेशन टालने जैसे निर्देश दिए गए थे। यह भी ज्ञातव्य है कि इस पत्र के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समस्त भारत में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। पत्र में लिखा है कि मुख्य सचिव के द्वारा सभी जिलाधिकारियों को कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान भी सभी निजी चिकित्सालयों को खोलने की व्यवस्था की जाए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मरीजों को देखा जाए। पत्र में लिखा है कि 13 अप्रैल को मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ द्वारा लखनऊ के मेडवेल हास्पिटल एवं चरक डायग्नोस्टिक केंद्र को बंद करने के निर्देश दिए गए थे। इसी के बाद 15 अप्रैल को ऐसे ही मामले में डालीगंज हॉस्पिटल को बंद करने के निर्देश दिए गए थे, क्योंकि इन सभी केंद्रों में पूर्व में सेवा ले चुके मरीज कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे।
पत्र में लिखा गया है कि ऐसी व्यवस्था में जहां देश के लगभग 70% चिकित्सा व्यवस्था निजी क्षेत्र में हो, निजी अस्पताल केंद्रों को बंद करने जैसी कार्यवाही करने से चिकित्सक समुदाय में भय व्याप्त हो चुका है और समस्त चिकित्सक अब मरीज देखने एवं भर्ती करने से बच रहे हैं। बहुत से चिकित्सकों ने तो सीलिंग के डर से अपने अस्पतालों, केंद्रों को खुद ही बंद कर दिया है। पत्र में जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया है कि हॉस्पिटल, केंद्र बंद करने के स्थान पर जिन अस्पतालों जहां के मरीज बाद में किसी भी वक्त कोविड-19 से पॉजिटिव पाये जाते हैं, को सरकारी अस्पतालों की भांति 36 बंद कर सैनिटाइज कर उनके स्टाफ को क्वारंटाइन कर दोबारा चिकित्सा बहाल करने की व्यवस्था करवाएं, जिससे मरीजों को असुविधा न हो। पत्र में कहा गया है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और उसके सभी चिकित्सक कोविड-19 में सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर देश को कोरोना से जिताने में वचनबद्ध हैं।

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