-राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा, ऐसे तो काम करना मुश्किल हो जायेगा
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ अनेक अस्पतालों व अनेक जिलों में हो रहे अशोभनीय व्यवहार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अगर आम जनता का सहयोग चिकित्सा कर्मियों को नहीं मिलेगा और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं उपलब्ध कराई जाती है तो अपनी जान पर खेल रहे कर्मचारियों का कार्य करना मुश्किल हो जाएगा, इसलिए कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही क्वारेंटाइन में रह रहे लोगों की देखभाल कर रहे कर्मियों को भी पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध करायी जानी चाहिये, क्योंकि क्वारेंटाइन में रह रहा व्यक्ति की रिपोर्ट अगर बाद में पॉजिटिव आती है तो वहां ड्यूटी करने वाले कर्मचारी भी संक्रमण के खतरे के दायरे में आ जायेंगे।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि इसके पूर्व भी परिषद ने मांग की थी कि जो भी कर्मचारी इस बीमारी के इलाज में लगे हैं उन सभी को पर्याप्त सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए जो अभी तक नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि बलरामपुर चिकित्सालय लखनऊ में कई कोरोना पोजीटिव कैसे भर्ती हैं लेकिन इलाज कर रही टीम को पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा के स्थान पर सामान्य सुरक्षा व्यवस्था मास्क और सेनीटाइजर भी उपलब्ध नहीं है ऐसे में कर्मचारियों को कार्य करना मुश्किल हो रहा है।
श्री मिश्रा ने कहा कि कन्नौज में चिकित्सा कर्मियों के साथ ग्रामीणों द्वारा बदसलूकी की गई है जो नितांत गलत है, इसके साथ ही कुछ और जगहो से भी ऐसी खबरें आ रही हैं । अगर चिकित्सा कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं उपलब्ध होती है तो समाज में कार्य कर पाना संभव नहीं होगा।
परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष एवं राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि कुछ जगहों पर कर्मचारियों के साथ ड्यूटी जाते समय भी बदसलूकी हो रही है कुछ जनपदों में पुलिस द्वारा भी कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है ऐसी सूचना प्राप्त हुई है । उन्होंने कहा कि उन चिकित्सालयों में जहां क्वॉरेंटाइन मरीज है, वहां भी प्रोटोकॉल का पूरा पालन आवश्यक है क्योंकि अगर वह मरीज बाद में वायरस से संक्रमित पाया जाता है तो उनकी सेवा में लगे हुए चिकित्सा कर्मियों, उनके परिवारी जनों एवं जो भी उनसे मिल रहे हैं उनके भी संक्रमण की संभावना बन जाएगी इसलिए आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन में भी को भी हल्के में लेने की आवश्यकता नहीं है, वहां भी पर्याप्त सुरक्षा संसाधन लेने के बाद ही चिकित्सा उपलब्ध कराई जानी चाहिए जो भी कर्मचारी क्वॉरेंटाइन के मरीजों को भोजन देने के साथ ही उनकी सेवा में लगे हैं उन सभी को प्रोटोकॉल के अनुसार सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए तथा उनके लिए अलग व्यवस्था की जानी चाहिये।
परिषद के प्रवक्ता एवं राजकीय नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि संसाधन के अभाव में केजीएमयू में अनेक डॉक्टर एवं कर्मचारी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं ऐसी संभावना कर्मचारियों द्वारा जताई जा रही है। वही बलरामपुर चिकित्सालय में अभी तक कर्मचारियों को क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है जिससे जो मरीजों की सेवा में टीम लगी हुई है वह अपने घर भी जा रही है। जो नितांत घातक है, यह गंभीर मामला है कि बलरामपुर चिकित्सालय में 1 मार्च से संभावित 15 रोगी आइसोलेशन वार्ड में भर्ती थे तथा कल से 12 अन्य रोगी भी भर्ती किए गए जिनमें से लगभग 12 मरीजों को कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई है। चिकित्सालय के उस वार्ड में 14 स्टाफ नर्स, 8 वार्ड ब्वॉय और 3 सफाई कर्मी लगातार कार्य कर रहे हैं । जिन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई है, और वह लगातार अपने घरों को जा रहे हैं। अब जबकि चिकित्सालय में उन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, तो चिकित्सा कर्मियों के परिवार पर भी खतरा मंडराने लगा है निश्चित ही चिकित्सालय में पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई, न ही प्रोटोकॉल का पालन किया गया, जिससे चिकित्सा कर्मी खुद परिवार सहित खतरे में हैं।
परिषद ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों को सुरक्षा देने के साथ ही उन्हें सभी प्रोटेक्टिव संसाधन उपलब्ध कराएं जिससे वे निश्चिंत होकर मरीजों की सेवा कर सके तथा बीमारी सामाजिक प्रसार के रूप में ना फैलने पाए। परिषद ने कहा कि अभी भी लोगों की जागरूकता के चलते भारत में यह बीमारी तृतीय स्तर पर नहीं पहुंची है जिससे अभी भी बचा जाने की आवश्यकता है ।
वेतन अभी तक नहीं हुआ जारी
परिषद ने चिंता व्यक्त की कि राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज झांसी और मेडिकल कॉलेज बदायूं सहित कुछ चिकित्सालयों के संविदा एवं स्थाई कर्मचारियों के वेतन विगत कई माह से प्राप्त नहीं हुए हैं जिस पर सरकार का ध्यान परिषद द्वारा आकृष्ट किया गया था, लेकिन अभी तक उन्हें वेतन भुगतान नहीं हो सका है यहां तक कि सरकार द्वारा स्थाई कर्मचारियों को जो वेतन दिए जाने का निर्देश हुआ था आज लगभग 5 दिन बीतने के बाद भी इस माह का वेतन अभी तक प्राप्त नहीं हुआ । सरकार को इस बिंदु पर भी ध्यान देना होगा ।
परिषद ने आम जनता से अपील की कि स्वास्थ्यकर्मी अपने जान की परवाह किये बगैर आपकी सेवा में लगे हैं , उनके साथ सहयोग करें और सरकार के हर निर्देश का पूरा पालन करें ।