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59 फीसदी लोग नियमित रूप से नहीं खाते हैं फल और सब्जियां

-ज्ञान, अभ्यास और व्यवहार को समझने के लिए लखनऊ में कराया गया आधारभूत सर्वेक्षण
-गैर संचारी रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता के लिए आरोग्‍य परियोजना के तहत कार्यक्रम 

लखनऊएक सर्वेक्षण के अनुसार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 59 फीसदी लोग नियमित रूप से फल और सब्जियों का सेवन नहीं करते हैं, तथा 80 फीसदी से अधिक लोग वसा, चीनी और नमक जरूरत से ज्‍यादा मात्रा में खाते हैं।

इस सर्वेक्षण की जानकारी सोमवार को होटल क्‍लार्क्‍स अवध में आयोजित “आरोग्य” – एनसीडी की रोकथाम और नियंत्रण पर एक समुदाय आधारित कार्यक्रम में वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ निदेशक डॉ पी सी भटनागर ने दी। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की व्यापकता की गंभीरता के मद्देनजर एनएचएम, यूपी सरकार के सहयोग से वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (वीएचएआई) और लाल पैथलैब्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित किये गये इस कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्तर प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह  की उपस्थिति में किया गया।

डॉ भटनागर ने बताया कि एनसीडी और इसके संबद्ध जोखिम कारक पर स्थानीय समुदाय के ज्ञान, अभ्यास और व्यवहार को समझने के लिए जिला लखनऊ में एक आधारभूत सर्वेक्षण करवाया गया था। इसके “निष्कर्षों से पता चला कि 77% उत्तरदाताओं ने एनसीडी के बारे में सुना है लेकिन 95% एनसीडी से जुड़े जोखिम कारकों के बारे में अनजान हैं। 80% से अधिक लोग वसा, चीनी और नमक का आवश्यकता से अधिक मात्रा का प्रयोग करते हैं और 59% लोग दैनिक रूप से फलों और सब्जियों का सेवन नहीं करते हैं।“

परियोजना की जानकारी देते हुए वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मुख्य कार्यकारी, भावना बी मुखोपाध्याय ने बताया कि “आरोग्य परियोजना का उद्देश्य एनसीडीईएस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सरकारी पहल और कार्यक्रमों को सशक्त बनाना है। यह परियोजना गैर-संचारी रोगों से संबंधित खतरे के बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता प्रदान करेगी ताकि लोग बड़े स्तर पर निवारक कदम उठाएं। आरंभिक चरण में इसमें उच्च जोखिम वाली आबादी की स्क्रीनिंग किया जायेगा ताकि उन्हें शीघ्र निदान और देखभाल के लिए स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए संदर्भित किया जा सके ”

मुख्य अतिथि जय प्रताप सिंह स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि बढ़ती हुई आबादी और बिगड़ी हुई जीवन शैली गैर संचारी रोगों का मुख्य कारण है, मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला आरम्भ किया गया है। इसके जरिये जन जागरण अभियान आरम्भ किया गया है। हम सामुदायिक स्तर पर  इसकी पहुच निश्चित करते है। इस संबंध में डेटा तैयार किया गया है। जबकि हर रविवार को प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर लोगों को आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), उत्तर प्रदेश के एमडी विजय विश्वास पंत और जीएम-एनसीडी, एनएचएम डॉ एबी सिंह ने एनसीडी रोकथाम और नियंत्रण पर सरकार की पहल और कार्यों के विषय में जानकारी दी। उन्‍होंने भारत आयुष्मान के तहत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (Health and Wellness center ) की स्थापना के बारे में भी अवगत कराया। उन्‍होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में में होने वाली सभी असामयिक मृत्यु का 47.9% कारण गैर संचारी रोग (NCD) हैं। यूपी में एनसीडी के लिए प्रमुख जोखिम कारक – तंबाकू का उपयोग, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, गलत खान पान (जंक फ़ूड ) सम्बन्धी आदतें हैं।

“डॉ ओ एम मनचंदा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, लाल पैथलैब्स फाउंडेशन  ने बताया कि सार्वजनिक प्लेटफार्मों जैसे कि स्कूलों, ग्राम स्वास्थ्य पोषण और स्वच्छता समिति, स्थानीय स्व-सहायता समूहों का उपयोग करते हुए एनसीडी और इसके संबंधित जोखिम कारकों पर व्यापक जागरूकता एवं अच्छी और स्वस्थ आदतें विकसित करने के विषय में चर्चा होनी चाहिए। कार्यक्रम में एनसीडी और स्वास्थ्य संवर्धन पर साक्ष्य-आधारित वैश्विक अनुभवों को शामिल किया गया है।

इस कार्यक्रम अन्य अधिकारी, गैर सरकारी संगठन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण, स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि और सदस्यों के साथ-साथ सरकारी फ्रंटलाइन कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।

जीएम एनसीडी डॉ ए बी सिंह ने बताया कि 55 लाख लोगों का स्क्रीनिंग करने का लक्ष्य है। आरोग्य की विशेषता है की की जांच के साथ जागरूकता और सरकारी रेफरल सेवाओं का लाभ उठाएं। यह संदेश देना आवश्यक है कि अपनी जीवन शैली को विशेष रूप से सही रखें ताकि इन बीमारियों की रोकथाम की जा सके।