राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने जतायी नाराजगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिला चिकित्सालयो को मेडिकल कॉलेज में बदलने की मंशा स्वागत योग्य है लेकिन पूर्व से सृजित पदों को समाप्त किये जाने पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने नाराजगी व्यक्त की है।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा, प्रमुख उपाध्यक्ष एवं राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने इस नीति को कर्मचारी विरोधी बताते हुए इसमे संशोधन की मांग करते हुए मेडिकल कॉलेज में पदों की संख्या बढ़ाने तथा पूर्व से सृजित पदों को समाप्त न कर स्वास्थ्य विभाग में समायोजित करने की मांग की है।
आपको बता दें कि अनेक जिला पुरुष एवं महिला चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित किया जा रहा है। शासनादेश संख्या 44/ 2019/ 185/71-3-2019 एन.एस.-04/2019 टीसी-3 दिनांक 9 मार्च 2019 द्वारा जिला पुरुष एवं महिला चिकित्सालय शाहजहांपुर में पूर्व से सृजित 1 प्रभारी अधिकारी फार्मेसी, 8 चीफ फार्मेसिस्ट, 24 फार्मेसिस्ट के पद (कुल 33 पद) समाप्त किये जाने का आदेश निर्गत हुआ है। जो फार्मेसिस्ट संवर्ग के लिए घातक एवं नुकसानदायक है।
श्री यादव ने कहा कि इस नीति से प्रदेश में 200 से 300 फार्मासिस्ट के पद सहित हजारों पैरा मेडिकल एवं तकनीकी पद शीघ्र ही समाप्त हो जाएंगे। इन पदों को समाप्त करने के स्थान पर इन्हें चिकित्सा स्वास्थ्य में समायोजित किया जाना उचित होगा, साथ ही मेडिकल कॉलेज में पदों की संख्या बढ़ाया जाना भी उचित होगा ।