-प्रशिक्षण की मांग को लेकर परिवार कल्याण निदेशालय पर आंदोलन कर रहे हैं पुरुष संविदा एमपीडब्ल्यू
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। स्वास्थ्य कार्यकर्ता (संविदा एम.पी.डब्ल्यू.) पुरुष कार्यकर्ताओं ने अपने प्रशिक्षण की मांग को लेकर महानिदेशालय परिवार कल्याण परिसर में 14 वें दिन भी अपना अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन जारी रखा। आज भी डॉ लिली सिंह महानिदेशक परिवार कल्याण द्वारा संविदा कार्यकर्ताओं से अपने वादे के अनुरूप उच्च स्तर पर वार्ता कराने का कोई भी प्रयास नहीं किया गया, यह अफसोसजनक है।
मीडिया प्रभारी सैयद मुर्तजा ने बताया कि हमारा मानना है कि इस नई कार्य संस्कृति की निंदा की जानी चाहिए। सामान्यत: कार्मिकों के आंदोलित होने पर अधिकारियों के सुलह समझौते के रास्ते खुले रहते हैं, जिससे तमाम जटिल समस्याओं का निराकरण भी संभव हो जाता है परंतु खेद का विषय है कि महानिदेशालय परिसर में ही धरना आयोजित हो रहा है और वहीं पर महानिदेशक संविदा कर्मचारियों की मांगों पर मूकदर्शक बनी हुई है।
उन्होंने बताया कि संविदा कार्मिक भी अपने निश्चय पर अटल हैं। जब तक उनके प्रशिक्षण का रास्ता नहीं खुलता तब तक आंदोलन पर जमे रहेंगे। आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन को तेज करेंगे। भारतीय जनता पार्टी कार्यालय लोक भवन, विधान सभा, मुख्यमंत्री आवास पर भी अपनी मांगों को रखने के लिए कभी भी कूच कर सकते हैं। एक तरफ सरकार आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों को रखने का काम कर रही है वहीं दूसरी तरफ विभाग के अनुभवी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलाकर रखने में हठधर्मिता दिखा रही है। भारत सरकार से वित्त पोषित हेल्थ एंड वैलनेस उप केंद्रों पर पुरुषों के सृजित पद खाली पड़े हैं जिनका वित्तीय पोषण भारत सरकार कर रही है।
भारत सरकार की वित्तीय मदद मिलने के बाद भी प्रदेश की ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। संविदा एम.पी.डब्ल्यू. द्वारा अपने प्रशिक्षण की मांग को लेकर माननीय विधानसभा की याचिका समिति में भी इस प्रकरण को उठाया गया है जिसमें कल चौथी बैठक होने वाली है ।
उत्तर प्रदेश कॉन्ट्रेक्ट एम.पी.डब्ल्यू. एसोसिएशन के संरक्षक विनीत कुमार मिश्रा ने बताया कि तमाम प्रकरणों में शासन ने शिथिलीकरण करते हुए संविदा कार्मिकों को सेवायोजित होने का अवसर प्रदान किया है। संविदा एमपीडब्ल्यू की तरह महिलाओं का चयन करके उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कराया गया और विभाग में समायोजित किया गया। इसी तरह 2014 में वर्ल्ड बैंक से पोषित यू.पी.एस.एस.ई. की पंचवर्षीय योजना जो 2020 में समाप्त हो रही थी के कर्मचारियों को 2019 -20 की पी आई पी में सम्मिलित कर समायोजित किया गया है।
उन्होंने बताया कि आज के आंदोलन की अध्यक्षता जनपद चंदौली के जिलाध्यक्ष विजय यादव के द्वारा की गई तथा मुजफ्फरनगर, उन्नाव, बाराबंकी, औरैया, प्रतापगढ़ और लखनऊ के साथी आंदोलन में शामिल रहे।