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कहीं आपके बच्चे चोरी-छिपे बाल तो नहीं खा रहे?

डॉक्टर अरशद अहमद

लखनऊ। आप को जानकर यह ताज्जुब होगा कि मानसिक विक्षिप्तता में और लापरवाही के चलते कुछ बच्चे बाल खाने लगते हैं, धीरे-धीरे यह आदत ट्राइकोविजार नाम की बीमारी को जन्म देती है और एक स्थिति ऐसी आती है जब बाल गुच्छे के रूप में भोजन की थैली में इकट्ठा हो जाते हैं और फिर वहां से छोटी आंत में चले जाते हैं, इस बीमारी से जान भी जा सकती है। यह जानकारी किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जन डॉ अरशद अहमद ने दी। उन्होंने इस बीमारी से ग्रस्त एक युवती की सर्जरी करके बालों का गुच्छा निकाला है, इन बालों ने युवती की आंतों में छेद भी कर दिये थे, युवती अब ठीक है तथा लिक्विड डाइट भी ले रही है।

पेट से निकाला गया बालों का गुच्छा

युवती के पेट से निकाला बालों का गुच्छा

डॉ अरशद ने बताया कि अम्बेडकर नगर निवासी 25 वर्षीय एक युवती बाल खाती थी जिसकी वजह से उसकी आंतों में छेद हो गये थे। उन्होंने बताया कि भोजन थैली में चीरा लगाकर बालों का गुच्छा निकाला गया है, साथ ही बालों की वजह से आंतों में हुए छेदों को भी सूचर द्वारा बंद किया गया है। डॉ.अरशद अहमद ने जनसामान्य से अपील की है कि यदि आपका बच्चा बाल खा लेता है और निगल जाता है तो इस पर तुरंत ध्यान दें।

आंतों में छेद कर देते हैं बाल

डॉ.अहमद ने बताया कि मानसिक विक्षिप्तता या लापरवाहीवश में कुछ बच्चे बाल का सेवन करने लगते हैं, जब ज्यादा समय बीत जाता है तो बाल खाना उनकी आदत बन जाती है और अपने ही बाल नोचकर खाने लगते हैं। उन्होंने बताया कि यह आदत लड़कियों में ज्यादा होती है, क्योंकि उनके बाल अधिक होते हैं। उन्होंने बताया कि लगातार बाल का सेवन करने से पेट में भोजन थैली में बालों का गुच्छा बन जाता है। भोजन थैली बालों के  गुच्छे से भर जाने से भूख लगना बंद हो जाती है। उल्टी होने लगती हैं। इस बीमारी को ट्राइकोविजार कहते हैं। इसके बाद यही बाल छोटी आंत में जाने लगते हैं और आंत में फंस जाते हैं और आंत में छेद हो जाते हैं। बाल आंत में रुकावट पैदा कर देते हैं, जिससे आंत में सूजन आ जाती है और आंत के फटने की संभावना बढ़ जाती है। इसे रेपुंजेल सिंड्रोम कहते हैं।

आदत छुड़ाने के लिए काउंसलिंग करवायें

डॉ. अरशद ने कहा कि यह स्थिति घातक होती है, प्रयास करना चाहिये बच्चो में यह आदत नहीं पड़े। उन्होंने यह भी बताया कि अगर बच्चा चोरी-छिपे बाल खा रहा है तो डॉक्टर से संपर्क करें ताकि काउंसलिंग व दवा आदि से आदत छुड़ाई जा सके और बीमारी होने से पहले ही ठीक कर लिया जाये। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ.अरशद अहमद के नेतृत्व में डॉ.संजीव कुमार, डॉ.जितेन्द्र सरोज, डॉ.दिलीप सिंह, डॉ.अनुराग चौधरी, डॉ.अनूप, डॉ.सपना व डॉ.अंकित गंगवार भी शामिल रहे।

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