-वंचित बच्चों को साक्षर कर रहे गोल्डन फ्यूचर ट्रस्ट स्कूल को स्टेश्नरी इत्यादि दान देने वाले स्वत: आगे आ रहे
-मड़ियांव क्षेत्र के गायत्री नगर में होम्योपैथिक रिसर्च फाउंडेशन के भवन में 2009 से संचालित हो रहा है स्कूल
सेहत टाइम्स
लखनऊ।
लखनऊ। नेक उद्देश्य को लेकर दृढ़संकल्प और नि:स्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की मदद के लिए जब व्यक्ति अपने हाथ उठाता है तो शुरुआत उन दो हाथों से जरूर होती है लेकिन इन दो हाथों की संख्या बढ़ती जाती है, क्योंकि एक सकारात्मक ऊर्जा दूसरी सकारात्मक ऊर्जा को अपनी तरफ खींचती जाती है। कुछ ऐसा ही यहां मड़ियांव थाना क्षेत्र में नौबस्ता गायत्री नगर स्थित ‘सम्राट विक्रमादित्य भवन’ में चल रहे गोल्डन फ्यूचर ट्रस्ट स्कूल के साथ हो रहा है। स्कूल के संचालन के लिए मदद के हाथ अपने आप बढ़ रहे हैं, इनमें ज्यादातर वे लोग शामिल हैं जिन्होंने स्कूल का विजिट किया है, क्षेत्र में छोटे-मोटे काम करके जीवन यापन करने वाले परिवारों के यहां शिक्षा ले रहे बच्चों से बात की है, बच्चों की बातें और उनका ज्ञान स्कूल के संचालन का स्तर बयां कर देता है। वर्तमान में यहां करीब 100 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं।
संक्षिप्त इतिहास
प्रख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक, गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च के संस्थापक डॉ गिरीश गुप्ता द्वारा स्थापित होम्योपैथिक रिसर्च फाउंडेशन द्वारा गरीब और वंचित लोगों के लिए विभिन्न प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 2007 में भवन का निर्माण कराया गया था, जिसमें प्रथम सेवाकेन्द्र के रूप में होम्योपैथिक चिकित्सालय की स्थापना की गयी थी। इसके पश्चात 16 वर्ष पूर्व 2009 में शिक्षा से वंचित बच्चों को साक्षर करने के उद्देश्य से होम्योपैथिक रिसर्च फाउंडेशन और भारत ज्योति के संयुक्त तत्वावधान में भारत ज्योति धर्मार्थ शिक्षा केन्द्र नाम से स्कूल प्रारम्भ किया गया था। भारत ज्योति द्वारा संचालन जारी रखने में असमर्थता जताने पर बीती अक्टूबर 2024 में इस स्कूल का संचालन होम्योपैथिक रिसर्च फाउंडेशन के साथ गोल्डन फ्यूचर ट्रस्ट ने अपने हाथों में लिया।
तेजी से हुआ कायापलट
गोल्डन फ्यूचर ट्रस्ट के कर्ताधर्ता शोभित नारायण अग्रवाल ने अपनी युवा ऊर्जा के साथ डॉ गिरीश गुप्ता के मार्गदर्शन में आगे बढ़ना शुरू किया, देखते ही देखते बीते दस माह में स्कूल की कायापलट हो गयी है, स्कूल को एक नया हॉल मिलने के साथ ही फर्नीचर, कॉपी, किताबें, बच्चों को उपहार, खाने-पीने की अनेक छोटी-बड़ी वस्तुएं दान में मिल रही हैं। यही नहीं इसमें खास बात यह है कि इन दानकर्ताओं में कुछ ऐेसे भी हैं जो स्कूल पहुंचकर बिना किसी देखावे के चीजें मुहैय्या करा रहे हैं।
खाने-पीने जैसे उपहारों को छोड़ दें तो हाल ही में शिक्षा के लिए आवश्यक स्टेश्नरी भरपूर मात्रा में प्राप्त हुई है। दो दिन पूर्व बैंक ऑफ बड़ौदा रिटायर्ड ऑफीसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी डीसी मिश्रा ने हिन्दी, अंग्रेजी, गणित और कला की 310 कॉपियां, 5 पैकेट पेन्सिल, 3 पैकेट कलम और 2 उपस्थिति पंजिकायें दान कीं। इससे पूर्व 15 अगस्त को रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डॉ अनिता भटनागर जैन, जो एनजीओ धात्री फाउंडेशन का संचालन करती हैं, ने धात्री फाउंडेशन की ओर से हिन्दी, अंग्रेजी, गणित और कला की 350 कॉपियां, हिन्दी के 30 रजिस्टर, 5 पैकेट पेन्सिल और 20 कलम दान किये थे।
डॉ गिरीश गुप्ता और शोभित नारायण अग्रवाल ने बताया कि 15 अगस्त को ही सीएमएस की शिक्षिका प्रीती मिश्रा ने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे-मील के रूप में पौष्टिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की तथा हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव ने स्कूल के हॉल में एग्ज़ॉस्ट फैन लगवाने की घोषणा की है।



