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महिलाओं को पता ही नहीं कि उनकी बेहतरी के लिए चल रही हैं कौन सी योजनाएं

-शारीरिक-मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दुरुस्‍त रखने के साथ महिलाओं की आर्थिक मजबूती के कदमों के बारे में दी गयी जानकारी

-केजीएमयू के सर्जरी विभाग की ओपीडी में अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। महिलाओं की समस्याओं के समाधान को लेकर बहुत कुछ किया गया है और बहुत कुछ किया जाना बाकी है। खास बात यह है कि जो किया गया है यानी मनरेगा सहित जो सरकारी योजनाएं उनकी बेहतरी के लिए बनी हैं, उनके बारे में भी अभी बहुत सी महिलाओं को पता ही नहीं है। ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि महिलाओं को उनके अधिकार के प्रति जागरूक किया जाए उनके लिए चल रही योजनाओं की जानकारी उन तक पहुंचाई जाए। महिलाओं को चाहिये कि वह अपनी बेहतरी के लिए सभी कदम उठायें, अगर उनके मन में कोई बात है तो उसे कहें अवश्‍य, अंदर ही अंदर घुटें नहीं।

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सर्जरी विभाग की ओपीडी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्‍य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रेडियोथैरेपी विभाग की प्रोफेसर कीर्ति श्रीवास्तव के नेतृत्‍व में आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित महिला मरीजों, महिला तीमारदारों के साथ ही केजीएमयू की महिला कर्मियों की उपस्थिति में प्रो कीर्ति श्रीवास्तव के अलावा रेडियोथैरेपी विभाग की डॉ मृणालिनी, एंडोक्राइन सर्जरी विभाग की डॉ पूजा रमाकांत और सर्जरी विभाग की डॉ सौम्या सिंह के साथ ही मेडिकल ऑंन्कोलॉजी की डॉ ईशा और रेडियोडायग्नोसिस से डॉ सुकृति व डॉ कुशाग्र ने महिलाओं को होने वाले शारीरिक रोगों, उनके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य तथा उनसे सम्‍बन्धित अन्‍य जानकारियों के बारे में बताया गया।  

महिलाओं को होने वाली विभिन्न समस्याओं और उनके समाधान को के बारे में आसानी से महिलाओं को जागरूक किया जा सके इसके लिए इसे पोस्टर के माध्यम से भी बताया गया था। इनमें एक पोस्‍टर समस्‍याओं का तथा दूसरे पोस्‍टर पर उन समस्‍याओं के समाधान के बारे में जानकारी दी गयी थी। महिलाओं को होने वाली समस्याओं में शारीरिक, मानसिक, लैंगिक, घरेलू हिंसा के साथ गर्भधारण, प्रजनन स्वास्थ्य, कुपोषण, डिप्रेशन, दिल की बीमारियां, ओस्टियोपोरोसिस तथा कैंसर जैसी बीमारियों से बचने और उनका शुरुआत में ही पता लगाकर उपचार करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और बच्चेदानी के मुंह का कैंसर बहुत कॉमन है, इसके बारे में विशेष जानकारी दी गई। बताया गया कि किस तरह से हर माह महिलाएं शीशे के सामने अपने स्तनों का स्वत: परीक्षण कर सकती हैं, जिससे उन्हें अगर कैंसर जैसी बीमारी होगी तो वह शुरुआती स्टेज में पता चल जाएगी।

समाधान वाले पोस्‍टर में बताया गया कि महिलाओं को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए उनमें शिक्षा, जागरूकता, उनके खाने-पीने का ध्यान रखना, उनकी नींद पूरी हो इसका ध्‍यान रखना होगा। इसके अलावा उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने, मासिक धर्म और सेक्स के दौरान सफाई का ध्‍यान रखने,  सरकार द्वारा उनके लिए क्या योजनाएं चलाई चलाई जा रही हैं, उनके साथ अच्छा व्यवहार कर उनके  मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्‍त रखने,  खाने-पीने की चीजों से उनकी जीवनशैली में सुधार लाया जा सकता है। बताया गया कि गरीब वर्ग की महिलाएं छोटी-मोटी मजदूरी करके कम पैसों में गुजर-बसर करती हैं, लेकिन उन्‍हें यह नहीं मालूम होता है कि मनरेगा के तहत उन्‍हें एक तिहाई कार्य मिल सकता है।

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